नशा रोकने के लिए प्रदेश में बनेगा देश का पहला निदेशालय
शिमला: हिमाचल में युवाओं को नशे की लत से छुटकारा दिलाने और तस्करी रोकने के लिए निदेशालय की स्थापना होगी। देश में यह पहला निदेशालय स्थापित होगा। जिलों में अलग अलग खुफिया सेल स्थापित किए जाएंगे, जो नशा कारोबारियों पर नजर रखेंगे। राज्य मंत्रिमंडल ने सोमवार को हिमाचल प्रदेश में नशे की बुराई को समाप्त करने के उद्देश्य से एकीकृत ड्रग प्रिवेंशन नीति को स्वीकृति दी है
। इस नीति का मकसद हिमाचल प्रदेश में नशीले पदार्थों की तस्करी, मादक द्रव्यों का दुरुपयोग, नशीले पदार्थों की खेती, उत्पादन और खपत की गंभीर समस्या को रोकना है। इसके अतिरिक्त इस नीति के अंतर्गत जब्ती के आंकड़े, संयुक्त दवा कानून प्रवर्तन संचालन और संयुक्त पूछताछ केंद्र की स्थापना होगी।
राज्य नशा निवारण बोर्ड के संयोजक ओपी शर्मा ने कैबिनेट की बैठक में इसे लेकर विस्तृत प्रस्तुति दी। इसके अलावा प्रदेशभर में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। गांव में सूचना तंत्र स्थापित होंगे। हालांकि नशीले पदार्थों पर अंकुश लगाने और मादक पदार्थों का दुरुपयोग रोकने के लिए हिमाचल सरकार ने पहले ही नशा निवारण सहायता केंद्र खोला है।
अब यह केंद्र भी इसी निदेशालय के अधीन काम करेगा। वर्तमान में पुलिस और आबकारी एवं कराधान विभाग अलग-अलग अपने तरीके से माफिया के खिलाफ कार्रवाई करते हैं, लेकिन अब तस्कर को पकड़ने और युवाओं को नशे की लत से छुटकारा दिलाने के लिए पॉलिसी तैयार की गई है। नीति बनाने से पहले इसमें पुलिस, स्वास्थ्य और आबकारी एवं कराधान विभाग से भी सुझाव लिए गए हैं।