मुख्यमंत्री ने किया ’’मेरी योजना-राज्य सरकार’’ पुस्तक का विमोचन

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-जब नीयत सही हो, इरादे नेक हों और संकल्प दृढ़ हो, तो समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ आसानी से पहुंचाया जा सकता है: मुख्यमंत्री

देहरादून:  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग द्वारा प्रकाशित ’’मेरी योजना-राज्य सरकार’’ पुस्तक का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य जनता के लिए केवल योजनाएं बनाना नहीं है, बल्कि सभी योजनाओं का धरातल पर क्रियान्वयन सुनिश्चित करना भी है, जिन योजनाओं का हम शिलान्यास करते हैं उनके लोकार्पण का भी हमारा प्रयास रहता है, ताकि योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र व्यक्ति तक पहुंच सके। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए, इस पुस्तक को तैयार किया गया है, जिसमें सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं और सेवाओं को सरल और व्यावहारिक भाषा में प्रकाशित किया गया है।

उन्होंने कहा कि यह पुस्तक लाभार्थियों को योजनाओं की संपूर्ण जानकारी प्रदान करने के साथ – साथ आवेदन प्रक्रिया से लेकर आवश्यक दस्तावेजों और पात्रता की जानकारी भी आम जनता तक पहुंचाएगी। इसका लक्ष्य ये सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक व्यक्ति योजनाओं का लाभ सुगमता से प्राप्त कर सके और राज्य के विकास में सक्रिय भागीदार बन सके।

उन्होने कहा कि जब नीयत सही हो, इरादे नेक हों और संकल्प दृढ़ हो, तो समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ आसानी से पहुंचाया जा सकता है। हमारी योजनाओं का लक्ष्य केवल वर्तमान समस्याओं का समाधान करना ही नहीं है बल्कि एक सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर उत्तराखंड का निर्माण करना भी है। मुख्यमंत्री ने घोषण की कि अब राज्य में आयोजित होने वाले सम्मान समारोह में स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार की गयी वस्तुओं को प्रतीक के रूप में प्रदान किए जाने की व्यवस्था की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि इस पुस्तक द्वारा हमारी सरकार की जनकल्याणकारी, रोजगारपरक, कौशल विकास व निवेश संबंधी योजनाओं के साथ-साथ अन्य मूलभूत सेवाओं से जुड़ी हुई समस्त जानकारियां राज्य के प्रत्येक व्यक्ति तक आसानी से पहुंच सकेंगी। जिससे पात्र लाभार्थी इन योजनाओं का लाभ सुगमता से प्राप्त कर सकेंगे। हमारी सरकार अपने “विकल्प रहित संकल्प” के मूलमंत्र के साथ उत्तराखंड को विकास के प्रत्येक मानक पर देश का अग्रणी राज्य बनाने के लक्ष्य को लेकर निरंतर कार्य कर रही है।

कहा कि प्रदेश सरकार के अधीन विभिन्न विभागों द्वारा संचालित जनकल्याण एवं आमजन के हित से जुड़ी योजनाओं, नीतियों, अधिनियमों, शासनादेशों की जानकारी लाभार्थियों के साथ जनमानस को सुगमता से सुलभ हो यह संबंधित विभागों का दायित्व भी है। शासन एवं विभागीय स्तर पर बनायी जाने वाली योजनाओं की उद्देश्य परक जनकल्याणकारी जानकारी लाभार्थियों तक पहुंचेगी तो उन्हें उसका अपेक्षित लाभ भी निश्चित रूप से मिलेगा। सरकारी योजनाओं की जानकारी धरातल तक पहुंचे, यह इस दिशा में किये जाने वाले प्रयासों की सफलता की सार्थकता भी है।

उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों को जनहित से जुड़ी योजनाओं का लाभ समय पर मिले और उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान हो, इसके लिए सरलीकरण, समाधान और निस्तारण पर खास तौर पर फोकस किया गया है। इस मंत्र की सहायता से प्रदेश में कार्य संस्कृति को बदलने का प्रयास किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूलमंत्र को ध्येय मानकर हम आगे बढ़ रहे हैं।

कहा कि प्रकाशित पुस्तक मेरी योजना-राज्य सरकार समाज के सभी वर्गों, आम जनमानस की अपेक्षाओं के अनुरूप सरकार की नीतियों को जन समान्य तक पहुंचाने में निश्चित रूप से मील का पत्थर साबित होगी। यह पुस्तक निवेशपरक नीतियों, रोजगार एवं स्वरोजगार, कौशल विकास के साथ विभिन्न योजनाओं कार्यक्रमों की जानकारी सर्वसाधारण को उपलब्ध कराने में एक दस्तावेज के रूप में पाठकों एवं शोधार्थियों के लिये भी उपयोगी होगी। साथ ही राज्य के समग्र विकास की संकल्पना को साकार करने में भी यह पहल मद्दगार रहेगी। राज्य के संकल्पों और प्रयासों को पूरा करने तथा विकास का लाभ समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचाने के प्रयासों में भी यह पुस्तक सहयोगी बनेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कालखण्ड उत्तराखण्ड के लिये आर्थिक समृद्धि सामाजिक न्याय, महिला कल्याण, अवस्थावपना संरचना की दृष्टि से उल्लेखनीय रहे हैं। भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प के साथ सशक्त उत्तराखण्ड /25 की अवधारणा राज्य को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लक्ष्य की प्राप्ति के लिये हमने विभिन्न क्षेत्रों में कई नये आयाम स्थापित किये हैं।

कहा कि राज्य में आज विभिन्न योजनाएं प्रभावी ढंग से संचालित की जा रही है। अंत्योदय परिवारों को तीन गैस सिलेंडर प्रदान करना, प्रदेश की महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था लागू करना, आंदोलनकारियों को आरक्षण देना, वृद्धावस्था पेंशन की सुविधा, सरकारी नौकरियों में खेल कोटे को पुनः प्रारंभ करना, विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान करना, 207 प्रकार की पैथेलॉजिकल जांचों की निःशुल्क सुविधा, किसानों को 3 लाख तक ब्याजमुक्त ऋण, महिलाओं और युवाओं हेतु स्वरोजगार की विभिन्न योजनाएं जैसी इस प्रकार की सभी योजनाएं प्रदेश के समग्र विकास और समाज के प्रत्येक वर्ग के कल्याण के लिए मील का पत्थर साबित हो रही हैं। राज्य में एक लाख लखपति दीदी बनायी जा चुकी हैं।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिजली, जल आपूर्ति और अन्य बुनियादी सुविधाओं के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व सुधार किए हैं। इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि आज हमारा राज्य नीति आयोग की रिपोर्ट में सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में पूरे देश में प्रथम स्थान पर पहुंचा है। साथ ही उत्तराखंड ईज़ ऑफ डूंइंग बिजनेस की श्रेणी में अचीवर्स और स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर की श्रेणी में भी आया है। इतना ही नहीं, हमारा उत्तराखंड युवाओं को रोजगार देने के मामले में भी देश का अग्रणी राज्य बनकर उभरा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 4 जुलाई 2021 को उन्होंने प्रदेश में 24 हजार पदों को भरने की बात कही थी। तब से अब तक 19 हजार पदों पर नियुक्तियां की जा चुकी है। नकल विरोधी कानून के कारण युवाओं की प्रतिभा का सम्मान हुआ है। उनके खटीमा स्थित कैम्प कार्यालय में कई सम्मानित लोग उनसे मिलकर उनके आश्रितों को निष्पक्षता के साथ सरकारी नौकरी मिलने की बात करते हैं, तो उन्हें संतोष होता है कि राज्य में अब युवाओं के साथ न्याय हो रहा है। राज्य के नौजवानों को स्किल्ड बनाया जा रहा है, प्रवासी उत्तराखंडियों के सम्मेलन के माध्यम से उनके अनुभवों का राज्य के विकास एवं पलायन रोकने में सहयोग लिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों के समय न तो कोई रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करने की परंपरा थी और न ही योजनाओं का लाभ सही मायने में लाभार्थियों तक पहुंच पाता था। यहां तक कि कांग्रेस के समय के एक प्रधानमंत्री ने स्वयं सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था, कि दिल्ली से 1 रुपया भेजा जाता है, लेकिन जनता तक पहुंचते-पहुंचते वो 15 पैसे ही रह जाता है। परंतु आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस स्थिति को पूरी तरह बदलते हुए अंत्योदय के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में ठोस कार्य किए हैं। उसी संकल्प के तहत आज देश के प्रत्येक नागरिक को सरकारी योजनाओं का लाभ डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से सीधे और पारदर्शी तरीके से उपलब्ध कराया जा रहा है। आज जो सरकार कहती है, उसे न केवल पूरा करती है बल्कि अपने कार्यकाल का पूरा विवरण जनता के समक्ष प्रस्तुत करती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में हमारी सरकार भी सरलीकरण, समाधान, निस्तारीकरण और संतुष्टिकरण के मंत्र के साथ जनता की समस्याओं के निराकरण के लिए निरंतर कार्य कर रही हैं।

इस अवसर पर सचिव कार्यक्रम क्रियान्वयन दीपक गैरोला ने बताया कि राज्य में संचालित जनकल्याणकारी, स्वरोजगार/रोजगारपरक, कौशल विकास/ प्रशिक्षणपरक, निवेशपरक योजनाओं को सरल शब्दों में जनसामान्य तक पहुंचाने हेतु गत वर्ष कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग द्वारा ’’मेरी योजना’’ पुस्तक का प्रथम संस्करण प्रकाशित किया गया, जिसकी प्रतियां राज्य के समस्त ग्रामप्रधानों/जनप्रतिनिधियों तथा विभागाध्यक्षों एवं राज्य के समस्त राजकीय पुस्तकालयों को वितरित की गयी तथा आमजनमानस को सुगमता से उपलब्ध कराये जाने हेतु पुस्तक की पीडीएफ प्रति उत्तराखण्ड के समस्त विभागों की वैबसाइट में उपलब्ध है। गतवर्ष में पुस्तक को तैयार करते समय कतिपय विभागों की महत्वपूर्ण सूचनाएं/योजनाएं प्राप्त नहीं हो पाई थी तथा कई विभागों की योजनाओं में वर्तमान में परिवर्तन हुआ है। इसलिए पुस्तक की सफलता एवं मांग को देखते हुये तथा कतिपय विभागों की अप्राप्त सूचनाओं एवं अद्यतन सूचनाओं को एकत्रित कर पुनः मुद्रित किये जाने की आवश्यकता महसूस की गयी, फलतः द्वितीय संस्करण के रूप में ’’मेरी योजना’’ पुस्तक मेरी योजना के द्वितीय संस्करण में राज्य सरकार की जनकल्याणकारी याजनाओं के अद्यतन संशोधन के साथ आयोगों की जानकारी का समावेश किया गया है।

उन्होंने बताया कि शीघ्र ही राज्य हित में केन्द्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का मेरी योजना केन्द्र सरकार पुस्तक का भी प्रकाशन किया जायेगा। साथ ही योजनाओं की आम जनता तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिये विभागीय वेबसाइट के माध्यम से सॉफ्टवेयर तैयार करने का भी प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग द्वारा विकासखण्ड स्तर तक योजनाओं का अनुश्रवण किया जा रहा है।

इस अवसर पर विधायक प्रमोद नैनवाल, सचिव दीपेन्द्र चौधरी, महानिदेशक यूकॉस्ट दुर्गेश पंत, अध्यक्ष बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति  अजेन्द्र अजय, पलायन आयोग के उपाध्यक्ष एस एस नेगी, उच्च शिक्षा उन्नयन के उपाध्यक्ष डॉ देवेन्द्र भसीन, अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर उत्तराखण्ड संस्कृति कला परिषद की उपाध्यक्ष मधु भट्ट, दायित्वधारी कैलाश पंत, विनोद उनियाल सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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