उत्तराखंड के मंदिरों पर आधारित पुस्तक हमें संस्कृति की जानकारी देती है : मुख्यमंत्री धामी

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देहरादून: मुख्यमंत्री ने आराधना जौहरी, आईएएस (से.नि.) के उत्तराखंड के मंदिरों पर लिखी गई पुस्तक ‘बियोंड द मिस्ट्री वेल, टेंपल टेल्स ऑफ उत्तराखंड’ का विमोचन किया। यह कार्यक्रम मंगलवार को सीएम कैम्प कार्यालय देहरादून स्थित मुख्य सेवक सदन में हुआ।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुस्तक की लेखिका आराधना जौहरी को बधाई देते हुए कहा कि यह पुस्तक देश-विदेश में उत्तराखंड के दिव्य मंदिरों के एक प्रामाणिक परिचय के रूप में जानी जाएगी। इस पुस्तक से लोगों को बेहतरीन जानकारी मिलेगी। पुस्तक की सामग्री से जाहिर होता है कि लेखिका ने इसमें कितनी मेहनत की है। देवभूमि उत्तराखंड के पौराणिक मंदिरों पर आधारित पुस्तक हमें अपनी संस्कृति और माइथोलॉजी के बारे में अवगत कराती है। लेखिका आराधना जौहरी ने अपने सेवाकाल में बतौर नैनीताल डीएम बहुत से विशिष्ट कार्य किये हैं। अब पुस्तक लेखन से राज्य को अपना योगदान दे रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पुस्तक से उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। लोगों को अनगिनत मंदिरों और उनसे जुड़ी लोक गाथाओं के बारे में पता चलेगा। सरकार विभिन्न क्षेत्रों में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मानसखंड कॉरिडोर पर कार्य कर रही है। प्रयास है कि विभिन्न धार्मिक सर्किटों का विकास किया जा सके। चार धाम के अलावा भी धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा इसके तहत हम राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में आने वाले मुख्य मंदिरों को आपस में जोड़ेंगे एवं सर्किट के रूप में विकसित करके धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें अपने जीवन में विशिष्ट कार्य कर अपने जीवन को सफल बनाना चाहिए, जिससे हम समाज में अपनी अलग पहचान बना सकें। उन्होंने कहा कि हमें देवभूमि उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना है। इसके लिये सभी विभागों को रोडमैप तैयार करने को कहा गया है। सभी को मिलकर अपना योगदान करना है।

पुस्तक की लेखिका आराधना जौहरी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में उन्होंने शिक्षा प्रारंभ की। उनके पिता नैनीताल के डीएम रहे। फिर 30 साल बाद वे स्वयं यहां की डीएम रहीं। देवभूमि को सेवाएं देना सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा नैनीताल में पोस्टिंग के दौरान देवभूमि की संस्कृति यहां के मंदिरों लोक देवताओं को करीब से जानने का मौका मिला। वे स्वयं मंदिरों तक गईं और वहां की तमाम जानकारियां पुस्तक में देने की कोशिश की है। उनकी यात्रा उतनी ही सुन्दर रही, जितनी सुंदर मंजिल थी। यहां का स्थापत्य, इतिहास, लोकगाथाएं, माइथोलॉजी अद्भुत है। एक पुस्तक में इतनी बातों को समेटना आसान नहीं था। तीन सौ पृष्ठ की पुस्तक में तीन वर्ष तक शोध किया। उन्होंने कहा उत्तराखंड राज्य में चार धाम के अतिरिक्त भी धार्मिक पर्यटन की अपार संभावना है। यह पुस्तक इसमें सहायक होगी।

कार्यक्रम में पूर्व मुख्य सचिव इंदुकुमार पाण्डे, पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, पुस्तक के प्रकाशक प्रभात, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, डीजीपी अशोक कुमार, पूर्व डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी सहित अन्य अधिकारी व विशिष्ट जन उपस्थित थे।

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