सूर्य ग्रहण 2025: इस बार सूर्यग्रहण क्यों है खास, जाने क्यों नहीं करने चाहिए अच्छे काम

साल का पहला सूर्यग्रहण लगने जा रहा है। यह एक प्रकार की खगोलीय घटना है जिसे ज्योतिष शास्त्र के साथ वैज्ञानिक कारणों से भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। वैज्ञानिक की इस घटना पर निरंतर नज़र बांये रखते है। बता दें कि इस साल का पहला सूर्यग्रहण इस बार चैत्र नवरात्री से एक दिन पहले यानी 29 मार्च को लगने वाला है। ऐसे मान्यता है कि इस दौरान कई काम करना वर्जित माना जाता है। ग्रहण से जुडी कई मान्यताये है जो इस घटना को और भी रोमांचित करती है तो चलिए विस्तार से जानते है इनके बारे में-
सूर्यग्रहण के दौरान खाना पीना नहीं खाया जाता है। अगर कोई खाना रह भी जाता है तो आप इसे तुलसी के पत्तो को डालकर रख दिया जाता है।
वहीं गर्भवती महिलाओ को इस दौरान विशेष सावधानी बरतने कि सलाह दी जाती है।
वो लोग जो बीमार है या कोई बुजुर्ग है उन्हें भूखे रहने के बजाय कुछ हल्का ड्राई फ्रूट खा लेना चाहिए।
बहुत से लोग इस समय भगवान का नाम जपते है। पर मंदिरो के कपाट इस दौरान बंद कर दिए जाते है।
ऐसा माना जाता है कि सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले ही सूतक काल लग जाता है। जो ग्रहण के समाप्त होने पर ही खत्म होता है। इस दौरान कोई भी अच्छे कार्य नहीं किया जाते है। इस बार लगने वाले सूर्ग्रहण का सूतक काल 28 मार्च से शुरू हो जायेगा।
–क्यों है इस बार खास
बता दें कि 29 मार्च को साल का पहला सूर्यग्रहण लगेगा। इसके बाद चैत्र नवरात्रे भी ठीक उसके दूसरे दिन 30 मार्च से शुरू हो जायेगे। वहीं इस बार इन दोनों के एक साथ पड़ने से यह एक प्रकार कि ऐतिहासिक घटना है जो लोगो के लिए अकल्पनीय है। साल के इस पहले सूर्यग्रहण कि अवधि 3 घंटे 53 मिनट कि होगी।
–नहीं करने कोई शुभ कार्य
धार्मिक मान्यताओं में ये माना जाता है कि ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है। साथ ही इसे अपनी नग्न आखो से देखना भी वर्जित होता होता है क्योकि इस दौरान सूर्य कि किरणे काफी तेज हो जाती है और अल्ट्रा वायलेंट किरणें भी काफी मात्रा में धरती की ओर आते है।