मण्डल कार्यालयों को सशक्त बनाने को मण्डल स्तरीय अधिकारी नियमित मण्डलीय कार्यालयों में बैठेंः मुख्यमंत्री धामी

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देहरादून: पौड़ी के मण्डल कार्यालयों को सशक्त बनाने के लिए मण्डल स्तरीय अधिकारी नियमित मण्डलीय कार्यालयों में बैठें। मण्डलायुक्त, पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र भी मण्डल कार्यालयों में बैठने का अपना पूरा रोस्टर जारी करें। जिससे जन समस्याओं का समाधान मण्डल स्तर पर भी हो सके। जिन मण्डलीय अधिकारियों को विभागीय निदेशालयों में भी अतिरिक्त प्रभार दिये गये हैं, यदि अति आवश्यक न हो तो उन्हें सिर्फ मण्डलीय कार्यालय में ही तैनात किया जाए। मण्डल मुख्यालय में संचालित विभागीय कार्यालयों में कार्यरत अधीनस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी अन्यत्र सम्बद्ध न किया जाए। ये निर्देश मुख्यमंत्री ने सचिवालय में जनपद पौड़ी के मण्डलीय मुख्यालय में मण्डल स्तरीय कार्यालयों के संचालन एवं पौड़ी के सर्वांगीण विकास के सबंध में समीक्षा बैठक के दौरान दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मण्डल कार्यालयों को सशक्त बनाना जरूरी है, यह सुनिश्चित किया जाए कि अधिकांश जन समस्याओं का समाधान मण्डल स्तर तक अवश्य हो जाए। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के सफल संचालन की गढ़वाल मण्डल के अधिकारियों पर बड़ी जिम्मेदारी है। चारधाम यात्रा के दौरान सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से हों इसकी भी मण्डलायुक्त द्वारा नियमित समीक्षा की जाए। तकनीकि विभागों के अधिकारियों जिनका कार्यक्षेत्र गढ़वाल मण्डल है, उन्हें नियमित मण्डल मुख्यालय में रखा जाए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि उत्तराखण्ड की चारधाम यात्रा पर जो श्रद्धालु आते हैं, उनको चारधामों के अलावा इसके आस-पास के प्रमुख धार्मिक एवं पर्यटन आधारित क्षेत्रों की भी जानकारी दी जाए। प्रमुख स्थलों को और विकसित किया जाए। श्रद्धालुओं को चारधाम यात्रा के बाद कुमाऊॅ मण्डल के प्रमुख धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों के बारे में भी जानकारी दी जाए, ताकि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु देवभूमि उत्तराखण्ड का पूरा भ्रमण कर सकें। सड़क कनेक्टिविटी को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी पौड़ी को निर्देश दिये कि जनपद के विकास के लिए जनपद स्तर पर जो कार्ययोजना बनाई गई है, इस कार्ययोजना पर तेजी से कार्य हो इसके लिए शासन स्तर पर संबंधित विभागीय सचिवों से सम्पर्क में रहकर जनपद में कार्य तेजी से किये जाएं। उन्होंने कहा कि जनपद के विकास के लिए जो कार्ययोजना बनाई गई है इसमें धार्मिक स्थलों, पर्यटन स्थलों, विभिन्न क्षेत्रों की कनेक्टिविटी एवं लोगों के आजीविका बढ़ाने के उद्देश्य से अच्छी कार्ययोजना बनाई गई है

। पौड़ी को हवाई कनेक्टिविटी से जोड़ने की योजना भी बनाई जाए। जिलाधिकारी पौड़ी आशीष चैहान ने वर्चुअल माध्यम से पौड़ी जनपद के सर्वांगीण विकास के लिए तैयार की गई योजना का विस्तार से प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने कहा कि प्रेमनगर, गडोली, बुआखाल बाईपास बनना जरूरी है, इसके बनने से जाम की समस्या का समाधान होगा और चारधाम यात्रा के लिए कोटद्वार की साइड से जाने में भी श्रद्धालुओं को सुविधा होगी।

ज्वालपा देवी- गडोली, सतपुलि-दुगड्डा एवं गडोली पाबो के बीच टनल बन जायेगा तो इससे लोगों को काफी सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि पौड़ी में बस डिपो के लिए दो स्थानों का चयन किया गया गया है। जिलाधिकारी पौड़ी ने कहा कि कोटद्वार तहसील में मल्टीस्टोरी प्लाजा के लिए काफी जगह है, इसमें तहसील के अलावा मल्टीस्टोरी बिल्डिंग एवं पार्किंग की अच्छी व्यवस्था हो सकती है।

जिलाधिकारी पौड़ी ने कहा कि रांसी स्टेडियम को अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनुरूप हाई अल्टीट्यूड स्पोर्ट्स ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के रूप में विकसित किये जाने की योजना बनाई जा रही है। पौड़ी में माउण्टेन म्यूजियम का प्रस्ताव भी रखा गया है। ल्वाली एवं सतपुली लेक में वाटर स्पोर्ट्स की अच्छी संभावनाएं हैं, इसके लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है। कोडियाला एवं देवप्रयाग में रिवर राफ्टिंग को बढ़ावा दिया जायेगा।

लैंसडाउन में 4.5 लाख लीटर के वाटर टेंक बनाने की आवश्यकता है। बैठक में विधायक रेनू बिष्ट, राजकुमार पोरी, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, बी.वी.आर.सी पुरूषोत्तम, अरविन्द सिंह ह्यांकी, एच.सी. सेमवाल, गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार, अपर सचिव विनीत कुमार, उदयराज, जगदीश चन्द्र काण्डपाल एवं सबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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