आईआईटी रुड़की में स्टार्टअप एक्सपो शुरू

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हरिद्वार: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की ने 175वें स्थापना दिवस समारोह के उपलक्ष्य में स्टार्टअप एक्सपो 2022 का आयोजन किया है। आईआईटी रुड़की ने उद्यमिता का उत्साहवर्धक इकोसिस्टम विकसित किया है, जिसमें विद्यार्थी और फैकल्टी के सदस्यों द्वारा स्टार्ट-अप के विकास के साथ-साथ संस्थान के बाहर के लोग भी अपने स्टार्टअप के इनक्यूबेशन में मदद प्राप्त कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि आईआईटी रुड़की के इनोवेशन इकोसिस्टम से अब तक 125 से अधिक स्टार्टअप सहायता प्राप्त कर चुके हैं। स्टार्टअप एक्सपो के दौरान 50 स्टार्टअप ने अपने प्रोडक्ट और टेक्नोलॉजी प्रस्तुत किए जो मुख्य रूप से एआई-एमएल, ड्रोन टेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स, स्वास्थ्य विज्ञान, कृषि, पर्यावरण, ऊर्जा क्षेत्र और ई-कॉमर्स जैसे तेजी से उभरते क्षेत्रों के लिए हैं। आयोजन की परिकल्पना मुख्य रूप से रक्षा पर आधारित है। इसका उद्देश्य स्टार्ट-अप के संस्थापकों और विभिन्न भागीदारों के बीच संवाद को बढ़ावा देकर उद्यमिता का उत्साहवर्धक परिवेश बनाना था।

आयोजन में आईआईटी रुड़की के छात्र, फैकल्टी के सदस्य, स्टार्टअप्स और उद्योग जगत के 100 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए। संस्थान के 175 साल पूरे होने के अवसर पर जारी स्मारक डाक टिकटों और सिक्कों के स्टॉल में भीस्टार्टअप एक्सपो देखने आए लोगों की खासी दिलचस्पी देखी गई।

आयोजन का उद्घाटन डॉ. कैलाश कुमार पाठक, निदेशक, डीएफटीएम डीआरडीओ, कर्नल वीरभद्र सिंह रावत, रक्षा समन्वयक, उत्तराखंड सरकार और शंभु शर्मा, संचालन प्रमुख, ओपटेल ने किया।

इस अवसर पर सर्वश्रेष्ठ स्टार्टअप का पुरस्कार विभिन्न डोमेन के 4 स्टार्टअप्स को दिया गया। जिनमें इंडीजेनस एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, साइफर, बैलिस स्मार्ट डिवाइसेज़ और सुपर गुड नैनो प्रा. लिमिटेड ने जीता।

इस अवसर देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए हाई टेक और डीप-टेक टेक्नोलॉजीज़ पर एक विचार गोष्ठी आयोजित की गई। इसमें आत्मनिर्भर भारत बनाने की प्रतिबद्धता पूरी करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकियों को वैश्विक स्तर पर ले जाने पर जोर दिया गयाथा।

स्टार्टअप एक्सपो में मौजूद पहले जेनरेशन के उद्यमी और बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. बीवी मोहन रेड्डी ने प्रतिभागी स्टार्टअप्स के सभी संस्थापकों को बिलियन डॉलर उद्यमी बनने की अपनी यात्रा साझा कर प्रेरित किया।

आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. केके पंत ने कहा कि स्टार्ट अप को मेक इन इंडिया पहल के लिए काम करना चाहिए और गुणवत्ता के वैश्विक मानकों पर खरा प्रोडक्ट और सेवा एंपेश करनी चाहिए। सस्टेनेबिलिटी के तीन मंत्र हैं सटीक, स्थानीय और सर्वसुलभ होना। हम युवा पीढ़ी के विद्यार्थियों और फैकल्टी के सदस्यों को हमारे स्टार्ट अप इकोसिस्टम में भागीदारी करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे और इनोवेशन के प्रयास करते रहेंगे और हमारे लिए देश के मूल्य सदैव सर्वोपरि रहेंगे।

डीएफटीएम, डीआरडीओ के निदेशक डॉ. कैलाश कुमार पाठक ने कहा कि आज देश के लिए महत्वपूर्ण और भविष्य के लिए तैयार रक्षा प्रौद्योगिकी की आवश्यकता है। यह स्टार्टअप एक्सपोइ से पूरा करने की दिशा में बड़ा कदम है।

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