श्रीलंकाई संसद ने रानिल विक्रमसिंघे को चुना नया राष्ट्रपति
कोलंबो: अभूतपूर्व आर्थिक व राजनीतिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में रानिल विक्रमसिंघे नये राष्ट्रपति चुने गए हैं। जनाक्रोश और संकट की भयावहता के चलते श्रीलंका के आठवें राष्ट्रपति का चुनाव आम जनता के स्थान पर संसद में किया गया और 134 सांसदों के वोट पाकर विक्रमसिंघे राष्ट्रपति बनने में कामयाब हो गए। जीत के बाद विक्रमसिंघे ने कहा कि देश कठिन स्थितियों व बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है और वे सभी के साथ मिलकर इनका सामना करेंगे।
श्रीलंका में भयावह आर्थिक संकट के बीच पहले प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे, फिर राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को इस्तीफा देना पड़ा था। जनाक्रोश के जलते गोटबाया को तो देश छोड़कर भाग जाना पड़ा था। ऐसे में महिंदा राजपक्षे को हटाकर प्रधानमंत्री बनाए गए रानिल विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति का कार्यभार सौंपा गया था। इसके बाद बुधवार को संसद में मतदान के माध्यम से नए राष्ट्रपति का चुनाव कराया गया। कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के अलावा सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) पार्टी के सदस्य दुल्लास अल्हाप्पेरुमा व वामपंथी जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) के अनुरा कुमारा दिसानायके भी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे।
बुधवार सुबह मतदान शुरू होते ही स्पष्ट होने लगा था कि कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को ही श्रीलंका के सांसद स्थायी राष्ट्रपति की जिम्मेदारी सौंपने वाले हैं। चुनाव के बाद 134 वोट पाकर रानिल ने यह बात सही भी साबित कर दी। दुल्लास अल्हाप्पेरुमा को 82 और अनुरा कुमारा दिसानायके को सिर्फ तीन सांसदों का समर्थन मिला। इस तरह रानिल विक्रमसिंघे औपचारिक रूप से श्रीलंका के राष्ट्रपति चुन लिए गए।
चुनाव जीतने के बाद विक्रमसिंघे ने कहा कि देश के सामने इस समय बेहद कठिन परिस्थितियां हैं। हमारे सामने बड़ी चुनौतियां भी हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि वे देश में सभी के साथ मिलकर इन चुनौतियों का सामना कर लेंगे, ताकि इन कठिन परिस्थितियों से देश को बाहर निकाला जा सके।