सर्राफा बाजार- सोने चांदी की कीमत में फिर आई गिरावट
नई दिल्ली: सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन आज सर्राफा बाजार में एक बार फिर कमजोरी का रुख नजर आया। सोना और चांदी दोनों चमकीले धातुओं की कीमत में आज गिरावट दर्ज की गई। सोने की कीमत में आज अलग अलग श्रेणियों 51 रुपये प्रति 10 ग्राम से लेकर 30 रुपये प्रति 10 ग्राम तक की नरमी देखी गई। इसी तरह चांदी की कीमत में भी आज गिरावट देखी गई। आज की कमजोरी के कारण ये चमकीली धातु एक बार फिर 62 हजार रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर से नीचे लुढ़क गई।
इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक घरेलू सर्राफा बाजार में आज कारोबारी यानी 24 कैरेट (999) सोने की औसत कीमत 51 रुपये की नरमी के साथ गिर कर 52,662 रुपये प्रति 10 ग्राम (अस्थाई) हो गई। इसी तरह 23 कैरेट (995) सोने की कीमत भी 51 रुपये की कमजोरी के साथ 52,451 रुपये प्रति 10 ग्राम (अस्थाई) हो गई। जबकि जेवराती यानी 22 कैरेट (916) सोने की कीमत में आज 47 रुपये प्रति 10 ग्राम की कमजोरी दर्ज की गई। इसके साथ ही 22 कैरेट सोना 48,238 रुपये प्रति 10 ग्राम (अस्थाई) के स्तर पर पहुंच गया। इसके अलावा 18 कैरेट (750) सोने की कीमत आज प्रति 10 ग्राम 38 रुपये फिसल कर 39,497 रुपये प्रति 10 ग्राम (अस्थाई) के स्तर पर पहुंच गई। जबकि 14 कैरेट (585) सोना आज 30 रुपये कमजोर होकर 30,807 रुपये प्रति 10 ग्राम (अस्थाई) के स्तर पर पहुंच गया।
सर्राफा बाजार में सोने की तरह ही चांदी की कीमत में भी आज कमजोरी दर्ज की गई। आज के कारोबार में चांदी (999) की कीमत 489 रुपये प्रति किलोग्राम टूट गई। इस गिरावट के कारण ये चमकीली धातु आज कमजोर हो कर 62 हजार रुपये के स्तर से नीचे लुढ़क कर 61,777 रुपये प्रति किलोग्राम (अस्थाई) के स्तर पर पहुंच गई।
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि वैश्विक दबाव के कारण घरेलू सर्राफा बाजार में अभी लगातार उथल पुथल का माहौल बना हुआ है। भारत में शादी के सीजन की वजह से सर्राफा बाजार को कुछ सहारा जरूर मिला है, लेकिन अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में प्रतिकूल वैश्विक परिस्थितियों के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगातार दबाव बना हुआ है। वैश्विक दबाव के कारण बाजार में अपेक्षित तेजी नहीं आ पा रही है। अभी बाजार में जो भी खरीदारी हो रही है, वो सिर्फ शादी के सीजन के लिए की जाने वाली व्यक्तिगत खरीदारी ही है। बड़े निवेशक नकारात्मक वैश्विक माहौल की वजह से अभी भी दूरी बनाए हुए हैं। इसलिए छोटे निवेशकों को भी फिलहाल अपनी निवेश योजनाओं को कुछ समय के लिए टाल देना ही बेहतर है। अगर छोटे निवेशकों को खरीदारी करनी ही हो, तो उन्हें गिरावट के हर मौके का इंतजार करना चाहिए और अपने निवेश सलाहकार से विचार विमर्श करने के बाद ही निवेश करना चाहिए।