अब तक 13 आरोपी काबू, अभी चार को मिली है जमानत, सचिव-ट्रैफिक इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी जल्द
शिमला: जेओए आईटी पेपर लीक मामले में विजिलेंस जल्द ही आयोग के सचिव सहित आरोपी ट्रैफिक इंस्पेक्टर को गिरफ्तार करेगी। पेपर लीक मामले में आयोग की महिला कर्मी ऊमा आजाद सहित अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से चार लोगों को जमानत मिली है, जबकि नौ लोग अभी हिरासत में हैं। पेपर लीक मामले में विजिलेंस ने ऊमा आजाद और उसके दो बेटे निखिल, नितिन, एजेंट संजीव कुमार, उसका भाई शशिपाल, नीरज कुमार, तनु शर्मा, अजय शर्मा, चपरासी मदन लाल उसके बेटे विशाल चौधरी, किशोरी लाल, दिनेश कुमार एवं सुनीता देवी को गिरफ्तार किया गया है।
इनमें से शशिपाल, नीरज कुमार, तनु शर्मा और अजय शर्मा को जमानत मिली है। पेपर लीक मामले में अधिकतर पोस्ट कोड की जांच से आयोग के सचिव के तार जुड़ रहे हैं। विजिलेंस अब तक दर्ज की गई कुछेक एफआईआर में आयोग के सचिव का नाम शामिल किया है, जबकि जेओएआईटी 817 सहित अन्य पोस्ट के पेपर लीक मामले में एफआईआर दर्ज करने के लिए प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी है। प्रदेश सरकार से अनुमति मिलने के बाद विजिलेंस जल्द ही आयोग के सचिव को भी गिरफ्तार कर सकती है।
विजिलेंस की एसआईटी पोस्ट कोड 817 के पेपर लीक करने के मामले में आयोग के सचिव सहित नौ आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करेगी। इसमें आयोग के सचिव सहित पांच कर्मचारियों और चार अभ्यर्थियों को आरोपी बनाया गया है।
जेओएआईटी 817 में कर्मचारी चयन आयोग की महिला कर्मी ऊमा आजाद के बेटे निखिल आजाद ने भी परीक्षा पास की है। पेपर लीक मामले में विजिलेंस की जांच पोस्ट कोड 817 की जांच में कई अहम साक्ष्य मिले हैं। गौर हो कि पेपर लीक मामले में गिरफ्तार की गई आरोपी महिला कर्मचारी पिछले करीब तीन साल से कर्मचारी चयन आयोग की सीक्रेसी ब्रांच में तैनात थी।
ऐसे में विजिलेंस पता लगा रही है कि इससे पहले कौन-कौन सी परीक्षाओं के पेपर आरोपी महिला कर्मी ने लीक किए हैं। उधर, एडीजीपी विजिलेंस सतवंत अटवाल का कहना है कि जेओए आईटी पोस्ट कोड 817 की जांच में कई अहम खुलासे हुए हैं। उन्होंने बताया कि विजिलेंस जल्द ही पोस्ट कोड 817 में भी एफआईआर दर्ज करेगी।
मंजूरी मिलते ही अलग से दर्ज होगी एक और एफआईआर
विजिलेंस की जांच में पता चला है कि आयोग के कर्मचारियों के कई रिश्तेदारों ने जेओए आईटी 817 की परीक्षा पास की है। ऐसे में आयोग के सचिव की दिक्कतें बढ़ेंगी। सरकार से अनुमति मिलने के बाद विजिलेंस इन साक्ष्य के आधार पर जल्द ही पेपर लीक मामले में एक और अलग से एफआईआर दर्ज करेगी।