शिमला शहर से बाहर स्थानांतरित होंगे सरकारी कार्यालय: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर
शिमला: राजधानी शिमला में अधिकांश सरकारी कार्यालयों को शहर से सटे क्षत्रों में स्थानांतरित किया जाएगा। इसके लिए शीघ्र संभावनाएं तलाशी जाएंगी क्योंकि शहर में जनसंख्या के बढ़ते बोझ की वजह से यातायात जाम व अन्य परेशानियां खड़ी हो रही हैं। इसके अलावा सरकारी दफ्तर बनने से शहर के आसपास वाले क्षेत्र भी विकसित होंगे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह बात कही।
विधायक संजय अवस्थी के अनुपूरक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला में लगातार जनसंख्या का दवाब है, यातायात की काफी ज्यादा समस्या हो चुकी है। स्मार्ट सिटी में सरकार ने कुछ प्रयास जरूर किया है जिसमें सडकों को चौड़ा किया गया, परंतु इससे भी पूरा समाधान नहीं हो पा रहा है। ऐसे में जरूरी है कि यहां से कुछ सरकारी कार्यालयों को आसपास के लगते एरिया में शिफट किया जाए। वहां पर यातायात की सुविधाएं भी होंगी और साथ लगता एरिया भी विकसित हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार इस पर गंभीरता से विचार करेगी। देखा जाएगा कि कौन सा कार्यालय यहां से बदला जाए क्योंकि कार्यालय बदलने को लेकर भी कई तरह की दिक्कतें रहती है। देखना होगा कि किस कार्यालय को बदला जा सकता है। इससे पहले स्कूल शिक्षा बोर्ड को भी यहां से बदलकर धर्मशाला भेजा गया। वहीं हमीरपुर में भी कुछ कार्यालय चल रहे हैं। सरकार जल्द इस मुददे पर विचार करेगी।
इससे पहले अर्की के विधायक संजय अवस्थी ने सदन में यह सवाल उठाया कि पर्यटन नगरी शिमला को पर्यटन नगरी रहने दिया जाए। यहां पर हर चीज पर लगातार दवाब बढ रहा है। रोजाना यहां घंटों जाम लगता है। क्योंकि सभी सरकारी कार्यालय शिमला में मौजूद हैं। लिहाजा लोग अपना काम करवाने के लिए आते हैं। इतना ही नहीं लाखों की संख्या में पर्यटक यहां पर आते हैं जिस कारण यहां पर कंजेशन बढ रहा है।