समाज को प्रेरणा देती हैं संत गुरू रविदास की शिक्षाए : राज्यपाल आर्लेकर

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शिमला: राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि गुरू रविदास महाराज की शिक्षाएं समाज के लिए प्रेरणादायक हैं। उनकी शिक्षाओं का अनुसरण कर हम एक समतामूलक समाज की स्थापना कर सकते हैं। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर शनिवार को हरयाणा राज्य के कुरुक्षेत्र में आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर श्री गुरु रविदास मंदिर एवं धर्मशाला कुरुक्षेत्र में श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ द्वारा आयोजित 5वें राष्ट्रीय अधिवेशन व राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

राज्यपाल ने कहा कि संत गुरु रविदास, संत कबीर दास, श्री गुरु नानक देव जी के पदचिन्हों पर चलकर महात्मा गांधी ने भी अस्पृश्यता, असमानता के खिलाफ लड़ाई लड़ी। भारतीय संविधान के जनक बाबा साहेब डा. बी.आर. अंबेडकर, संत गुरु रविदास और संत कबीर दास के विचारों से बहुत प्रभावित थे। उन्होंने सामाजिक सद्भाव, मानवाधिकार के लिए जो किया वह भारतीय सविंधान में रूप में हम सब के सामने है। डा. अम्बेडकर ने संत गुरु रविदास और संत कबीर दास की शिक्षाओं से प्रेरणा ली और गरीबों के उत्थान के लिए संघर्ष किया।

उन्होंने कहा कि गुरू रविदास जी महाराज की शिक्षाओं से प्रेरणा पाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक समतामूलक व समावेशी शिक्षा नीति लागू करने के साथ-साथ समतामुलक की अनेक योजनाएं शुरू की है। इन योजनाओं से समाज के गरीबों, वंचितों, महिलाओं और पिछड़ों के जीवन में सुधार हुआ है।

इस अवसर पर, हरियाणा के राज्यपाल बंडारु दत्तात्रये ने कहा कि संत शिरोमणि गुरु रविदास के विचारों, व्यवहार, गुणों व शिक्षाओं से युगों-युगों तक समाज को मार्गदर्शन मिलता रहेगा। इस महान व्यक्तित्व के जीवन दर्शन से सामाजिक समसरता, समानता और बंधुत्व की राह अग्रसर होती है।

श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद दुष्यंत कुमार गौतम ने कहा कि श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ ने अनेकों कीर्तिमान स्थापित किए है। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रत्येक प्रांत में एक आईटी सेल का गठन किया जाए ताकि इस आईटी सेल के माध्यम से सरकार की तमाम योजनाएं समाज के व्यक्ति तक पहुंच सके।

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री ए. नारायण स्वामी ने कहा कि इस अधिवेशन के माध्यम से समाज के लोगों को जागरुक किया जा रहा है। इससे समाज के लोगों को फायदा भी मिल रहा है।

इस कार्यक्रम में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने पांच लाख रुपए की राशि अपने स्वैच्छिक फंड से देने की घोषणा भी की।

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