रूस ने किया सबसे खतरनाक सुपर हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण
यूक्रेन को लेकर लगातार जारी तनाव में रूस के पास ऐसे हथियार है जिसका तोड़ अमेरिका के पास भी नहीं है। रूस के पास ऐसे सुपर पावर हथियार है जिससे यूक्रेन परेशान है। इन हथियारों की बात करें तो, रूस के पास सुपर हाइपरसोनिक मिसाइल है, जिसका तोड़ पूरी दुनिया में किसी देश के पास नहीं है। यही कारण है कि, सारे देश परेशान हो चुके हैं। इसी बीच रूस ने अपनी लेटेस्ट हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया है।
लेटेस्ट हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल (किंझल मिसाइल) को इंसानी आवाज से 10 गुना ज्यादा स्पीड से उड़ान भरने में महारथ हसिल है। ये अपने साथ परमाणु बम भी ले जाने में सक्षम है। इसकी मारक क्षमता 3 किलो मीटर प्रति सेकेंड है, यही कारण है कि, यह मिसाइल हर मिसाइल से ज्यादा खतरनाक है। इस बारे में क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने भी काफी जानकारी साझा की है।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोवने बताया कि, बैलिस्टिक मिसाइल का अभ्यास किया जा रहा है। रूस के युधभ्यास देखें सारे NATO देश इस खौफ में हैं कि, पता नहीं कब रूस यूक्रेन पे हमला कर दे। रूस के पास अभेद एस-400 है। यह एक ऐसी रक्षा प्रणाली है जो दुनिया की सबसे अच्छी रक्षा प्रणाली में शामिल है। ऐसे भी कोई भी NATO देश रूस से उलझना नहीं चाहता। इस समय यूक्रेन की सीमा पर 1.5 लाख सैनिक युद्ध के लिए तैयार खड़े हैं जिससे यूक्रेन की सीमा पर तनाव बढ़ गया है। उधर, रॉब ली सुरक्षा सलाहकार की मानें तो, किंझल मिसाइल अगर कालिनग्राड से दागी जाती है तो यह पश्चिमी यूरोपीय देशों के राजधानियों और तुर्की की राजधानी अंकारा को तबाह करने की ताकत रखती है। ये मिसाइल 7 से 10 मिनट में हमला कर के वापस आ सकती है।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने इस मामले में जानकारी देते हुए कहा है कि, “बैलिस्टिक मिसाइल का अभ्यास किया जा रहा है। रूस के इस कदम के बाद यूक्रेन को लेकर मामला और गरमाता जा रहा है। इस समय यूक्रेन की सीमा पर 1.5 लाख के करीब रूसी सेना तैनात है। सभी हाइपरसोनिक मिसाइलों ने अपने लक्ष्य को भेदने में सफलता पाई है। अस ड्रिल में टीयू-95 बॉम्बर्स और सबमरीन्स को भी शामिल किया गया था। चीफ ऑफ जनरल स्टाफ के प्रमुख वालेरी गेरासिमोव ने बताया कि इस ड्रिल का मकसद दुश्मन के खिलाफ हमारी तैयारी को दर्शाता है। इस बयान के बाद ये कयास लगाए जा रहे हैं कि रूस इस मसले पर पीछे हटने तो तैयार नहीं है और मिसाइलों का परीक्षण उसकी आगे की रणनीति के लिए खुद को तैयार करने के लिए एक बड़ा कदम है।”