डीसी को लौटाएं अधूरे विकास कार्यों का पैसा, धर्मशाला में बैठक के दौरान मुख्यमंत्री सुक्खू के निर्देश

0 0
Read Time:8 Minute, 44 Second

धर्मशाला: जो राशि विभिन्न विकास कार्यों के लिए आबंटित की गई थी, लेकिन समयबद्ध व्यय नहीं की गई, उसे वापस उपायुक्त को भेजा जाए या स्थानीय विधायक की संस्तुति पर राशि का डायवर्जन भी किया जा सकता है। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने धर्मशाला प्रवास के दूसरे दिन विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ मैराथन बैठकों की अध्यक्षता करते हुए कही। इस दौरान सीएम सुक्खू ने विभिन्न विकासात्मक योजनाओं की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में समुचित प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। जिससे इन योजनाओं से लोगों को लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार समाज के सभी वर्गों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस वर्ष हरित बजट पेश किया है।

इसके तहत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र की दो पंचायतों में दो मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी। कांगड़ा जिले के सभी 15 विधानसभा क्षेत्रों में दो-दो पंचायतों में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने इसके दृष्टिगत स्थल चयन का कार्य अतिशीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस वर्ष 500 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है। राज्य सरकार ने 250 किलोवाट से दो मेगावाट तक की सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए 40 प्रतिशत उपदान प्रदान करने के लिए राजीव गांधी स्वरोजगार योजना शुरू करने की मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में मनरेगा की दिहाड़ी में 28 रुपए की बढ़ोतरी कर इसे 240 रुपए किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने विधवाओं और एकल महिलाओं को घर बनाने के लिए 1.5 लाख रुपए का प्रावधान किया है। इसके अलावा, 6000 अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में गोद लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हिम उन्नति योजना शुरू करने जा रही है।

जसवां परागपुर में एसडीएम ऑफिस को जमीन तलाशने के निर्देश

सीएम ने जसवां परागपुर क्षेत्र में उपमंडलाधिकारी कार्यालय खोलने के लिए उपयुक्त स्थान चिन्हित करने के निर्देश दिए। विधायकों ने भी बैठकों के दौरान अपने बहुमूल्य सुझाव दिए। इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव किशोरी लाल, विधायक संजय रतन, भवानी सिंह पठानिया, केवल सिंह पठानिया, मलेंद्र राजन, हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष आरएस बाली, कृषि विकास बैंक के अध्यक्ष संजय चौहान, हिमाचल प्रदेश औद्योगिक विकास निगम के उपाध्यक्ष विशाल चंबियाल, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति के कोषाध्यक्ष डा. राजेश शर्मा, जिला कांग्रेस समिति के अध्यक्ष अजय महाजन, उपायुक्त डा. निपुण जिंदल, एसपी शालिनी अग्रिहोत्री सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

धर्मशाला में व्यवस्था परिवर्तन

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो पुराने सर्किट हाउस के बजाए नए सर्किट हाउस में ठहर रहे हैं। हालांकि इससे पहले के मुख्यमंत्री नया सर्किट हाउस बनने के बाबजूद पुराने में ही ठहरते थे।

2030 तक 30% होगा ग्रीन कवर

सरकार ने तय किया लक्ष्य, जायका के तहत 60 लाख पौधे होंगे विकसित

टीम — धर्मशला, शिमला

हिमाचल के ग्रीन कवर को सरकार ने 2030 तक सरकार ने 30 फीसदी करने का लक्ष्य रखा है। अभी प्रदेश का ग्रीन कवर 28 प्रतिशत है। ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए राज्य सरकार प्रदेश में जाइका परियोजना के तहत विभिन्न प्रजातियों के गुणवत्ता युक्त 60 लाख पौधे विकसित करेगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को शिमला के पीटरहॉफ में आयोजित तीन दिवसीय वार्षिक कार्यशाला के दौरान यह बात कही। वह धर्मशाला से वर्चुअली इस कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए लिए जाइका द्वारा वित्त पोषित वानिकी और एनआरएम परियोजनाओं ने राज्य में हरित क्षेत्र को बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले दो वर्षों में उन्नत तकनीकों की मदद से 4600 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर पौधारोपण किया गया है।

सामुदायिक और वानिकी उद्देश्यों के लिए परियोजनाओं के माध्यम से उच्च गुणवता वाली पौध तैयार करने तथा 60 लाख से अधिक महत्त्वपूर्ण गुणवतापूर्ण प्रजातियों के पौधे विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अतिरिक्त राज्य भर में 72 नर्सरी का नवीकरण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल जैसे कृषि प्रधान राज्य में वन महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मुख्यमंत्री ने सात जिलों में 460 ग्राम वन विकास समितियों (वीएफडीएस) और 900 से अधिक स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के गठन के माध्यम से संयुक्त वन प्रबंधन गतिविधियों के सुदृढ़ीकरण के लिए परियोजना के प्रयासों की सराहना की।

ग्रीन स्टेट बनाना प्राथमिकता

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को हरित राज्य बनाना वर्तमान प्रदेश सरकार की मुख्य प्राथमिकता है। जाइका द्वारा वित्तपोषित परियोजना हिमाचल को हरित राज्य बनाने की परिकल्पना को साकार करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। मुख्यमंत्री ने वन विभाग को परियोजना के दूसरे चरण की तैयारी शुरू करने तथा जो क्षेत्र पहले चरण में शामिल नहीं थे उन्हें सम्मलित करने के लिए कहा।

सचिवालय नहीं, डीसी आफिस

मुख्यमंत्री ने न केवल ठहरने की व्यवस्था बदली है, बल्कि बैठकें करने का स्थल भी बदल दिया है। मुख्यमंत्री की अब तक सभी महत्त्वपूर्ण बैठकें धर्मशाला स्थित सचिवालय परिसर में होती रही हैं, लेकिन सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस व्यवस्था को बदल कर उपायुक्त कार्यालय के कान्फ्रेंस हाल को चुना है। ऐसे में सचिवालय स्थित कैबिनेट हाल सूना ही पड़ा है। यहां मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों के लिए कमरे भी बनाए गए हैं।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %