पंजाबः 7 आरटीए दफ्तरों में छापेमारी, एमवीआई व प्राइवेट एजेंट गिरफ्तार, 12.50 लाख रुपये बरामद
चंडीगढ़: पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने बुधवार को पंजाब में अभियान चलाकर मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (एमवीआई) जालंधर नरेश कलेर और एक प्राइवेट एजेंट रामपाल उर्फ राधे को गिरफ्तार किया। इनके पास से वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने के संदिग्ध दस्तावेजों के अलावा रिश्वत की रकम के तौर पर 12.50 लाख रुपए बरामद किये गए हैं।
ब्यूरो के प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि कुछ क्षेत्रीय ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (आरटीए) दफ्तरों में अनियमितताएं और भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतों के बाद ब्यूरो ने आज राज्य में सात जिलों अमृतसर, गुरदासपुर, फिरोजपुर, फरीदकोट, मानसा, जालंधर और होशियारपुर के एमवीआई दफ्तरों की औचक चेकिंग की।
चेकिंग के दौरान विजिलेंस ब्यूरो की टीमों ने एमवीआई और संबंधित आरटीए दफ्तरों से वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने के संदिग्ध रिकॉर्ड जब्त किए। उन्होंने बताया कि इससे पहले विजिलेंस ब्यूरो ने आरटीए दफ्तर संगरूर में वाहन फिटनेस सर्टिफिकेट घोटाले का पर्दाफाश किया था, जिसमें दो अधिकारियों और एक एजेंट को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में आरटीए, एमवीआई, क्लर्कों और प्राइवेट एजेंटों के विरुद्ध विजिलेंस ब्यूरो के थाना पटियाला में एफआईआर दर्ज की गई है।
प्रवक्ता ने बताया कि जालंधर एमवीआई कार्यालय में काम करते हुये एक एजेंट को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ के दौरान उसके पास से 12.50 लाख रुपए रिश्वत की रकम बरामद की गई। इस संबंध में विजिलेंस ब्यूरो के थाना जालंधर में एफआईआर नंबर 14 तारीख़ 23-08 2022 को आईपीसी की धारा 120 बी और 420 और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 7 और 7 ए के अधीन नरेश कलेर, एमवीआई, जालंधर और उसके कार्यालय से काम कर रहे 10 प्राइवेट एजेंटों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में एमवीआई कलेर और एजेंट रामपाल उर्फ राधे को भी गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने बताया कि परिवहन विभाग के नियमों अनुसार सभी व्यापारिक वाहनों को सड़कों पर चलने के लिए आरटीए कार्यालय से फिटनेस सर्टिफिकेट लेना पड़ता है और ऐसे सभी वाहनों का दस्तावेजों समेत एमवीआई द्वारा उनके कार्यालय में खुद निरीक्षण करना जरूरी है।
उन्होंने बताया कि यह बात सामने आई है कि अलग-अलग जिलों में अधिकारी एजेंटों और मध्यस्थों की मिलीभगत से वाहनों के माडल के आधार पर प्रति वाहन भारी रिश्वत के बदले वाहनों की फिजिकल वेरिफिकेशन किये बिना फिटनेस सर्टिफिकेट जारी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन राज्य स्तरीय निरीक्षणों की आगे जांच जारी है और यदि कोई भी दोषी पाया गया तो कानून अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।