शिक्षा पर राजनीति करना संकीर्ण मानसिकता : शिक्षा मंत्री

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कुल्लू: शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश न केवल साक्षरता में बल्कि शिक्षक-शिक्षार्थी अनुपात में देशभर में अव्बल स्थान पर है। गोबिंद सिंह परिधि गृह कुल्लू में प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने बीते रोज आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया के उस बयान की कड़ी निंदा की है जिसमें उन्होंने प्रदेश के स्कूूलों में शिक्षा बेहाल होने की बात कही है। गोविंद ठाकुर ने कहा कि सिसोदिया ने न केवल प्रदेश की गुणात्मक शिक्षा व्यवस्था बल्कि अध्यापकों, अभिभावकों और शिक्षार्थियों का भी अपमान किया है। वह इसकी निंदा करते हैं।

उन्होंने कहा कि शिक्षा के नाम पर राजनीति करना संकीर्ण मानसिकता का परिचय देता है और समाज में सनसनी फैलाने की एक नाकाम कोशिश है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की कथनी और करनी में दिन-रात का अंतर है। वे केवल उपदेश दे सकते हैं, उसपर अमल करना इनकी आदत नहीं। तथ्यों को नजरअंदाज करके अनाप-शनाप कहकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश करना कहां तक उचित है। प्रदेश के लोग जागरूक हैं और इस प्रकार के हथकंडों को नजरअंदाज करना उन्हें भली-भांति आता हैं।

गोविंद ठाकुर ने कहा कि सिसोदिया का हिमाचल के स्कूलों का बंटाधार हो गया, ऐसा आरोप प्रदेश के 75 लाख लोगों का अपमान है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की आबादी 3.23 करोड़ है और दिल्ली मैदानी व सुगम परिक्षेत्र है जबकि हिमाचल कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाला एक छोटा सा राज्य है। तथ्यों पर यदि बात की जाए तो दिल्ली में इतनी बड़ी आबादी पर केवल 1027 सरकारी स्कूल हैं जबकि छोटे से हिमाचल प्रदेश में 15000 से अधिक स्कूल सरकारी क्षेत्र में हैं।

उन्होंने कहा दिल्ली के 80 प्रतिशत स्कूलों में हैडमास्टर व प्रिंसीपल नहीं है और प्राथमिक शिक्षा से विश्वविद्यालय तक वहां 24 हजार से ज्यादा पद अध्यापकों के रिक्त हैं। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में दाखिले में आठ प्रतिशत की गिरावट आई है। बेटियों के साथ दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार भेदभाव करती है। लड़कियों को केवल सिलाई-कढ़ाई ही सिखाई जाती है।

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