पीसीसी अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने बजट को उत्तराखण्ड के साथ छलावा बताया


Warning: Attempt to read property "post_excerpt" on null in /home4/a1708rj8/public_html/wp-content/themes/covernews/inc/hooks/blocks/block-post-header.php on line 43
0 0
Read Time:4 Minute, 32 Second

देहरादून: उत्तराखण्ड प्रदेश कांगे्रस कमेटी के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किये गये बजट को उत्तराखण्ड के साथ छलावा बताया। श्री सिंह ने कहा कि अगर डबल इंजन एवं प्रचंड बहुमत के बाद भी उत्तराखण्ड के साथ ऐसा ही सौतेला व्यवहार करना था तो फिर उत्तराखण्ड की जनता को बडे-बडे सपने दिखाये ही क्यों गये? उन्होेंने कहा कि बजट पूरी तरह से हवा हवाई होने के साथ-साथ फ्लाॅप बजट हैं।

अगर देश के परिपेक्ष्य में बात की जाय तो कृषि क्षेत्र के अन्तर्गत किसानों की आय दोगुनी करने का जो वादा पिछले सात सालों से देश किसाानों से किया जा रहा था उसी को दोहराया गया लेकिन ये नही बताया कि आय दोगनुी होगी कैसे? जिस देश में 9.50 प्रतिशत का वित्तीय घाटा दर्ज हुआ हो और राजकोषीय घाटे में भी बडे पैमाने पर बढोतरी हुई हो वहां किसानों की आय दुगनी करने की बात भी एक मखौल लगती है।

अलग-अलग अनाज पर एमएसपी के आंकडे रखे गये लेकिन सवाल यह उठता है जो सरकार धान और गेहूं तक का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य ना दे पा रही हो ऐसे मंे क्या देश का किसान केवल बजट के दौरान बताये हुए आंकडों पर विश्वास करे या धरातल पर जो वस्तु स्थिति है उस पर जहां तक देश के गांवों की आधारभूत संरचना या इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 40 हजार करोड़ को प्रावधान किया गया है वह भी देश के 6.50 लाख गांवों के लिए ऊॅट के मुहं में जीरा ही सावित होगा।

मिडिल क्लास के लिए एक बार फिर यह बजट उदासीन करने वाला ही रहा, इनकम टैक्स के स्लैब में कोई बदलाव ना करके राहत की गुंजाइस को समाप्त कर दिया गया। बार-बार आत्मनिर्भर भारत की बात दोहराई गई लेकिन भारत आत्मनिर्भर बनेगा कैसे इस यक्ष प्रश्न का जवाब पुरे बजट में नही मिला।
प्रीतम ंिसह ने कहा कि उत्तराखण्ड के लिहाज से तो बजट पूरी तरह से निराशाजनक और खोखला सावित हुआ है।

जिस ग्रीन बोनस की दरकार उत्तराखण्ड की जनता को वर्षो से है और अपेक्षा भी थी कि डबल इंजन की सरकार होने के नाते यही मुफीद समय था जब उत्तराखण्ड का यह सपना पूरा हो सकता था ऐसे में उत्तराखण्ड की झोली एक बार फिर खाली ही रह गई। इस बजट में सुरसा की तरह बढ़ रही महंगाई पर कैसे अंकुश लगाया जायेगा यह प्रश्न अनुउत्तरित ही रहा। बेरोजगार युवाओं के लिए कोई चिन्ता या प्रावधान बजट के अन्तर्गत नही किया गया है।

उत्तराखण्ड की कई रेल परियोजनाओं और मेट्रो रेल पर कोई बात नही की गई है। और तो और गर्त में जा रहे एमएसएमई सेक्टर के लिए भी कोई राहत मिलती नही दिखाई दी। प्रीतम सिंह ने कहा कि उत्तराखण्ड पयर्टन प्रधान प्रदेश है ऐसे में कोरोना संकट से जूझ रहे उत्तराखण्ड के पयर्टन सेक्टर को बूस्ट करने हेतु एक बड़े पैकेज की दरकार थी, वहां भी निराशा ही हाथ लगी।

पहले ही जीएसटी से हो रहे 2,200 करोड़ के नुकसान को उत्तराखण्ड झेल रहा था वहीं कोरोना काल में 4,000 करोड़ का नुकसान और हो गया ऐसे में वित्तीय संकट से जूझ रहे प्रदेश को केन्द्रीय बजट से बहुत सारी अपेक्षायें थी जो चूर-चूर हो गई।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %