भैया दूज के अवसर पर शीतकाल के लिए बंद हुए केदारनाथ धाम के कपाट

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देहरादून: पूर्व से चली आ रही परंपरा के अनुसार भैया दूज के अवसर पर शनिवार की सुबह आठ बजे केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिये गए हैं। इसके बाद अगले वर्ष पट खुलने तक केदार बाबा ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में रहेंगे। बाबा केदार की पंचमुखी विग्रह मूर्ति प्रस्थान के दौरान सेना के बैंड की धुनों के साथ भक्ति आस्था का माहौल बना रहा।

ग्याहरवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट आज भैया दूज पर पूजा.प्रक्रिया के बाद विधि.विधान से बंद कर दिए गए हैं। सुबह छह बजे पुजारी बागेश लिंग ने केदारनाथ धाम के दिगपाल भगवान भैरवनाथ का आह्वान कर धर्माचार्यों की उपस्थिति में स्यंभू शिवलिंग को विभूति और शुष्क फूलों से ढककर समाधि रूप में विराजमान किया। ठीक सुबह आठ बजे मुख्य द्वार के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिये गए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने।

बर्फ की सफेद चादर ओढ़े केदारनाथ धाम से पंच मुखी डोली ने सेना के बैंड.बाजों की भक्तमय धुनों के बीच मंदिर की परिक्रमा कर विभिन्न पड़ावों से होते हुए शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

इसी क्रम में बाबा केदार की डोली सात नवंबर को प्रवास के लिए विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी। जिसके बाद आठ नवंबर को पंच केदार गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान हो जाएगी। जहां बाबा केदार की पूजा शीतकालीन कं लिए शुरू कर दी जायेगी।

केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सदस्य श्रीनिवास पोस्ती और आशुतोष डिमरी, देवस्थानम बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन, जिलाधिकारी मनुज गोयल, देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह, पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल, उप जिलाधिकारी जितेंद्र वर्मा, केदार सभा अध्यक्ष विनोद शुक्ला आदि मौजूद रहे।

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