माता-पिता की सेवा नहीं करने वाले से वापस ले सकते हैं संपत्ति, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के हालिया ऐतिहासिक फैसले के तहत माता-पिता से संपत्ति या गिफ्ट लेने के बाद उन्हें ठुकराने वालों को बड़ी कीमत चुकानी होगी। ऐसे बच्चों को प्रॉपर्टी या गिफ्ट या फिर दोनों लौटाने होंगे। बुजुर्ग माता-पिता का भरण-पोषण हर हाल में करना होगा। उन्हें उनके हाल पर छोड़ना महंगा पड़ सकता है। सुप्रीम कोर्ट के अहम फैसले से बुजुर्गों को फायदा होने वाला है। फैसले से उम्मीद बंधी है कि बच्चे बुजुर्ग माता-पिता का ख्याल रखेंगे और उनसे अच्छा व्यवहार करेंगे। इससे वरिष्ठ नागरिकों के जीवन में सुधार आएगा। आमतौर पर देखा जाता है कि कई अभिभावकों को उनके बच्चे प्रॉपर्टी और गिफ्ट लेने के बाद नजरअंदाज कर देते हैं। कोर्ट ने कहा, बच्चों को अब माता-पिता की प्रॉपर्टी और बाकी गिफ्ट दिए जाने के बाद एक शर्त उसमें शामिल होगी। शर्त के मुताबिक, बच्चों को माता-पिता का ख्याल रखना होगा। उनकी जरूरतों को पूरा करना होगा। अगर बच्चों ने इन शर्तों को नहीं माना और माता-पिता को उनके हाल पर अकेला छोड़ दिया तो उनसे सारी प्रॉपर्टी और बाकी गिफ्ट वापस ले लिए जाएंगे। प्रॉपर्टी का ट्रांसफर शून्य घोषित कर दिया जाएगा।

शीर्ष अदालत के मुताबिक, बच्चों द्वारा बुजुर्गों की सेवा नहीं करने पर संपत्ति का ट्रांसफर शून्य घोषित तो होगा ही, साथ ही ऐसे मामले में संपत्ति ट्रांसफर धोखाधड़ी या जबरदस्ती के तहत किया गया माना जाएगा। बच्चे माता-पिता की देखभाल करने में विफल रहते हैं तो माता-पिता ने उन्हें जो प्रॉपर्टी और गिफ्ट दिए हैं वो वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम के तहत रद्द किया जा सकता है। कुछ मामले ऐसे भी सामने आए हैं, जहां धोखाधड़ी के जरिये संपत्ति हथिया ली जाती है और बाद में उसे कानूनी तौर पर ट्रांसफर बताया जाता है। इसलिए इस फैसले से धोखाधड़ी रुकेगी। सुरक्षित बुढ़ापे के लिए कभी भी अपनी संपत्ति का 100 फीसदी हिस्सा बच्चों को ट्रांसफर न करें। चाहे बच्चा कामयाब हो या असफल, दोनों स्थितियों में बचना जरूरी है।

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