रोजगार, पलायन व महिला सशक्तिकरण पर बजट में कोई खास योजना नहीं: सूर्यकांत धस्माना
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देहरादून: उत्तराखंड की धामी सरकार का वर्ष 2025- 26 का वार्षिक बजट का आकर बेशक एक लाख करोड़ रुपए पार हो गया हो किंतु बजट दिशाहीन है और राज्य के तीन सबसे महत्वपूर्ण विषय रोजगार ,पलायन व महिला शक्तिकरण पर बजट में कोई खास योजना नहीं है यह बात आज प्रदेश सरकार द्वारा पेश आम बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कही।
उन्होंने कहा कि राज्य में बेरोजगारी चरम पर है और रोजगार के अभाव ध्वस्त स्वास्थ्य सेवाओं व खस्ताहाल शिक्षा व्यवस्था के कारण राज्य के पर्वतीय जनपद भयंकर पलायन की त्रासदी झेल रहे हैं उसको थामने के लिए राज्य के पर्वतीय जनपदों में दूरगामी प्रभाव वाली योजनाएं अम्ल में लाने की नीति पर आधारित बजट प्रावधानों की आवश्यकता राज्य को है जिसका अभाव इस बजट में दिख रहा है क्योंकि प्रदेश में रोजगार का सबसे बड़ा संसाधन फौज था जिसमें जो अग्निपथ योजना लागू होने से प्रभावित हुआ और बड़ी संख्या में जो युवा फौज में कैरियर बनाने के लिए जाते थे वे अग्निवीर बनने से परहेज कर रहे हैं और इससे बेरोजगारी और बढ़ रही है, उन्होंने कहा कि पिछले आठ सालों से राज्य में पुलिस की भर्ती ठप्प पड़ी है और अधिकांश विभागों में भी यही हाल है किन्तु सरकार युवाओं को सरकारी रोजगार देने से परहेज कर रही है और इसके कारण राज्य के अधिकांश युवा पलायन के लिए मजबूर हो रहे हैं इस समस्या का समाधान कहीं बजट प्रावधानों में नजर नहीं आता।
धस्माना ने कहा कि महिला सशक्तिकरण का शोर जरूर मचाया जा रहा है किन्तु राज्य में चल रही सभी महिला सशक्तिकरण की योजनाओं के लिए मात्र तीन सौ करोड़ का बजटीय प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि कुल मिला कर बजट दिशाहीन है।