धामी सरकार की संजीदगी से सहस्रताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे 13 ट्रैकर्स को मिली नई जिंदगी
उत्तरकाशी: सरकार की संजीदगी से सहस्रताल ट्रैक पर जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे 13 ट्रैकर्स को नया जीवन मिला है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद इस ऑपरेशन की मॉनिटरिंग की और मुसीबत में फंसे सभी ट्रैकर्स और गाइडों को सुरक्षित परिजनों तक पहुंचाया है। जबकि बर्फीले तूफान से जान गवांने वाले 9 ट्रैकर्स के शवों को भी हेली रेस्क्यू से परिजनों तक सुपुर्द कराया है। मुख्यमंत्री ने घटना में जान गवांने वाले ट्रैकर्स के प्रति गहरा दुःख जताया है।
जनपद उत्तरकाशी के विषम परिस्थितियों वाले मल्ला-बेलक-कुशकल्याण-सहस्रताल ट्रैक करीब 48 किमी और 4 से 5 हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। खड़ी चढ़ाई, घने जंगल, बुग्याल और हिमालयी ग्लेशियरों से ट्रैक गुजरता है। इस ट्रैक पर कर्नाटक और अन्य राज्यों के करीब 22 ट्रैकर्स ट्रैकिंग को गए थे। ट्रैकिंग के दौरान सहस्रताल में बर्फीले तूफान की चपेट में आने से 9 ट्रैकर्स की मौत हो गई थी। जबकि 13 मुसीबत में फंस गए थे। इसकी सूचना 4 जून को देर रात को जिला प्रशासन को मिली थी। प्रशासन में तत्काल सूचना शासन को दी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के संज्ञान में मामला आने पर उन्होंने बिना देरी के एसडीआरएफ, आईटीबीपी, वन विभाग और एयर फोर्स की मदद लेते हुए रेस्क्यू शुरू करने के निर्देश दिए। 5 जून को सहस्रताल क्षेत्र में खराब मौसम के बावजूद जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे 13 ट्रैकर्स, गाइड और पोर्टर को हेलीकॉप्टर से सुरक्षित रेस्क्यू कर दिया था।
इसके अलावा आज सुबह यहां 4 ट्रैकर्स के शवों को भी रेस्क्यू कर लिया है। सभी ट्रैकर्स को देहरादून तक पहुंचाया गया। जबकि हादसे में जान गवांने वाले 9 ट्रैकर्स के पंचनामा और पोस्टमार्टम की कार्रवाई के बाद शव परिजनों को सौंप दिए हैं इधर, मुख्यमंत्री धामी के निर्देश और मॉनिटरिंग में चल रहा रेस्क्यू कार्य गुरुवार को करीब 36 घण्टे से कम समय में पूरा हो गया है। समय पर मुसीबत में फंसे ट्रैकर्स को सकुशल रेस्क्यू करने पर मुख्यमंत्री धामी ने रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल सभी टीमों के प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू टीम ने पहले दिन ही सभी फंसे हुए ट्रैकर्स को सुरक्षित रेस्क्यू कर दिया था। आज गुरुवार को शेष शवों को भी परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। यह पूरी टीम की दक्षता, क्षमता और तत्परता का ही परिणाम है कि विकट परिस्थितियों में चुनौतीपूर्ण रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा किया है।