अस्पतालों के लिए एनएबीएच की मान्यता हुई अनिवार्य

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देहरादून: प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों को एनएबीएच की मान्यता लेने की अनिवार्यता कर दी गई है। इसको लेकर आज स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने दिशा-निर्देश दिए हैं। साथ ही इसकी मॉनिटरिंग के लिए स्वास्थ्य महानिदेशक की अध्यक्षता में एक आठ सदस्यीय समिति का गठन भी किया है।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने आज बताया कि प्रदेश के राजकीय अस्पतालों को नेशनल एक्रिडेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थ केयर (एनएबीएच) की मान्यता के लिये आवेदन करना होगा।

इस पर उन्होंने आगे बताया कि इसके लिए सभी बड़े अस्पतालों को मानक पूरा करने होंगे। जिनमें कोई कमियां हैं तो उसे दूर कर लें। स्वास्थ्य मंत्री रावत ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में एनएबीएच मापदण्डों की मॉनटिरिंग के लिए स्वास्थ्य महानिदेशक की अध्यक्षता में प्रदेश स्तर पर एक आठ सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन कर दिया गया है।

इस उच्च स्तरीय समिति में एनएचएम के निदेशक डॉ सरोज नैथानी, संयुक्त निदेशक नियोजन डॉ राजेन्द्र प्रसाद खंडूरी, संयुक्त निदेशक प्रशासन डॉ कैलाश जोशी, पैरामेडिकल के सहायक निदेशक डॉ जेएस चुफाल, कोविड सेल के सहायक निदेशक डॉ गरिमा पंत, आहरण-वितरण शैलेन्द्र सिंह बुटोला, एवं रेडक्रॉस के अपर परियोजना निदेशक डॉ अमित शुक्ला को बतौर सदस्य शामिल किया गया है।

मंत्री डॉ रावत ने बताया कि समिति प्रथम चरण में सूबे के जिला एवं उप जिला चिकित्सालयों का भ्रमण कर एनएबीएच के मानकों का स्थलीय निरीक्षण करेगी और अस्पतालों में तय मानकों में कमी पाये जाने पर अपने सुझाव देगी। उसके बाद उससे छोटे अस्पतालों का भी निरीक्षण किया जाएगा।

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