पर्यटन व सिंचाई मंत्री ,सतपाल महाराज ने सौंग बांध परियोजना के तकनीकी पहलुओं की ली जानकारी


Warning: Attempt to read property "post_excerpt" on null in /home4/a1708rj8/public_html/wp-content/themes/covernews/inc/hooks/blocks/block-post-header.php on line 43
0 0
Read Time:5 Minute, 2 Second

समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिये आवश्यक निर्देश

देहरादून:  पयर्टन व सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने पर्यटन विभाग गढ़ीकैंट में पर्यटन की दृष्टि से सौंग बांध पेयजल परियोजना के पुनर्वास एवं पुर्नस्थापना हेतु पर्यटन विभाग व सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ आज एक समीक्षा बैठक की।

पर्यटन व सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज को सिंचाई विभाग के महाप्रबंधक आर0 के0 तिवारी द्वारा सौंग बांध परियोजना के तहत माॅडल दिखाया गया। जिसमें जनपद टिहरी के सौनधाना पट्टी में 3.5 किलोमीटर लम्बी झील का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने अधिकारियों को दिशा निर्देश दिये कि सौनधाना पट्टी में गंधक पानी का स्रोत है जो आयुर्वेदिक का काम करता है। पर्यटन मंत्री ने कहा कि झील के निर्माण के साथ ही पर्यटकों को लुभाने के लिए यहां पर वेलनेस सेंटर, होमस्टे, योगा आदि की व्यवस्था होनी चाहिए। जिससे वहां के स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पादों का भी उत्पादन किया जायेगा जिससे पहाड़ी व्यंजनों को भी बढ़ावा मिलेगा।

समीक्षा बैठक के दौरान पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि राज्य के आखिरी गांव में जो पर्यटक आकर रात को रूकेगा उसे प्रमाण पत्र भी दिये जायेंगे। उन्होंने अधिकारियों को दिशा निर्देश दिये कि वे शीतकालीन कार्यक्रम करवायें जिससे पर्यटक इन गांवों की ओर आकर्षित होंगे। सिंचाई विभाग के महाप्रबंधक आर0 के0 तिवारी ने बताया कि सौंग बांध पेयजल परियोजना के पुनर्वास एवं पुर्नस्थापना हेतु राजकीय भूमि उपलब्ध हो जाती है तो पुनर्वास पर लगभग 134 करोड़ रूपये का व्यय भार अनुमानित है।

इस परियोजना के तहत पूर्ण प्रभावित खाते धारकों को अधिग्रहित भूमि की ऐवज में आधा एकड़ विकसित कृषि भूखण्ड एवं 200 वर्ग मीटर विकसित आवासीय भूखण्ड का आवंटन किया जाएगा। यदि कोई पूर्ण प्रभावित पुनर्वास स्थल में विस्थापन नहीं चाहता तो पूर्ण प्रभावित को अधिग्रहित भूमि का प्रतिकर देय होगा। कारीगर, छोटे व्यापारी या स्वनियोजित व्यक्ति के प्रत्येक प्रभावित कुटुम्ब या ऐसे प्रभावित कुटुम्ब जिसके स्वामित्वाधीन प्रभावित क्षेत्र में गैर कृषिक भूमि या वाणिज्यिक, औद्योगिक या संस्था ढांचा है और जिसे भूमि के कारण प्रभावित क्षेत्र से अस्वैच्छिक रूप से विस्थापित किया गया है, ऐसी रकम की एक बारगी वित्तीय सहायता पायेगा, जो न्यूनतम 25 हजार रूपये की सीमा के अधीन रहते हुए विनिर्दिष्ट की जायेगी।

ऐसे प्रभावित परिवारों को जो बेनापध्राजकीय भूमि पर अधिसूचना तिथि से तीन वर्ष पूर्व की तिथि से या उससे पूर्व से काबिज हैं उनको प्रतिकर, अधिनिर्णय शासन के निर्णय के अनुसार देय होगा। यथासंभव परियोजना क्षेत्र के ग्रीमीणों को परियोजना निर्माण उपरान्त संचालित होने वाली व्यवसायिक गतिविधियों में प्राथमिकता दी जायेगी।

बैठक में पर्यटन विभाग की अपर निदेशक पूनम चांद, डीटीडीओ अतुल भंडारी, सौंग बांध पेयजल परियोजना, सिंचाई विभाग के उपमहाप्रबंधक के आर0 के0 गुप्ता, वी0के0 मौर्या, सहायक अभियन्ता दीपक जोशी, सुधीर सैमी, सुधांशु व प्रशान्त श्रीवास्तव सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %