राज्य कैबिनेट की बैठक में लिए गए कई अहं निर्णय
देहरादून: राज्य कैबिनेट की बैठक में कई अहं निर्णय लिए गए। उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा बोर्ड में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों का केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की तर्ज पर आंतरिक मूल्यांकन होगा। कैबिनेट ने सेना में शौर्य और वीरता पदक जीतने वालों की पुरस्कार राशि में एकमुश्त बढ़ोतरी कर दी है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत स्कूलों को मिलने वाली प्रति छात्र प्रतिपूर्ति की राशि को बढ़ा दिया गया है।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहं निर्णय लिये गये। बैठक में कैबिनेट ने कुल 23 फैसले लिए गए। सूत्रों से प्राप्त कैबिनेट के फैसलों के मुताबिक, उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा बोर्ड में सीबीएसई की तरह आंतरिक मूल्यांकन व अंक देने की व्यवस्था लागू कर दी गई है।
कैबिनेट ने सेना में शौर्य और वीरता पदक जीतने वालों की पुरस्कार राशि में एकमुश्त बढ़ोतरी कर दी है। फैसले के तहत परमवीर चक्र पर 30 लाख से बढ़ाकर 50 लाख, अशोक चक्र पर 30 लाख से बढ़ाकर 50 लाख, महावीर चक्र पर 20 लाख से बढ़ाकर 32 लाख, कीर्ति चक्र पर 20 लाख से बढ़ाकर 35 लाख, वीर चक्र पर 15 लाख से बढ़ाकर 25 लाख, शौर्य चक्र पर 15 लाख से बढ़ाकर 25 लाख, सेना शौर्य पदक पर सात लाख से बढ़ाकर 15 लाख, मैन्स इन डिस्पेच की राशि तीन लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये की गई है।
प्रदेश मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री के विचलन के माध्यम से होमगार्ड जवानों को दिए गए महंगाई भत्ते के फैसले पर मुहर लगा दी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है। इससे करीब छह हजार होमगार्ड जवानों को लाभ होगा।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत स्कूलों को मिलने वाली प्रति छात्र प्रतिपूर्ति की राशि को बढ़ा दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, करीब 1300 रुपये से 1600 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। कैबिनेट ने हरिद्वार जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को मंजूरी दे दी है। विधिक राय लेने के बाद कैबिनेट ने यह निर्णय लिया। हरिद्वार जिले में लंबे समय से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव लटके हैं। कैबिनेट ने वार्षिक बजट प्रस्ताव को विधानसभा के पटल पर लाने को मंजूरी दे दी। वार्षिक बजट 63 हजार करोड़ रुपये होने का अनुमान है। हालांकि सरकार की ओर से इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। कोविड 19 की अवधि में चिकित्सा विभाग के अंतर्गत आउटसोर्स के माध्यम से स्वीकृत करीब 2800 पदों से अधिक पर तैनात कर्मचारियों के बारे मे निर्णय लेने मंत्रिमंडलीय उपसमिति का गठन किया गया।
कैबिनेट के प्रमुख फैसले
– सीधी भर्ती के कांस्टेबल एवं नवीन पदनाम एएसआई (एम) की नियुक्ति की तिथि से सेवा जोड़ते हुए एसीपी का लाभ मिलेगा।
– ग्रामीण निर्माण विभाग ड्राइंग अधिष्ठान सेवा संशोधन नियमावली को मंजूरी दी गई।
– सितारगंज चीनी मिल आउटसोर्स के माध्यम से आगे भी संचालित होगी। पीपीपी मोड में दिए जाने की कार्यवाही होगी।
– निदेशालय लेखा परीक्षा की अधीनस्थ लेखा परीक्षा सेवा संवर्ग संवीलियन सेवा नियमावली की अनुमति।
– रेशम विभाग के वर्ग क एवं ख के अधिकारियों के सेवा नियमावली पर संशोधन की अनुमति।
– उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के 20वें वार्षिक प्रतिवेदन को सदन में रखने की मंजूरी दी गई।
– सिंचाई विभाग की मेट सेवा नियमावली को मंजूरी दी गई।
– उत्तराखंड जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम में संशोधन विधेयक 2022 को विधानसभा के पटल पर रखने को मंजूरी।
– उत्तराखंड अग्नि एवं आपात सेवा अग्नि निवारण एवं अग्नि सुरक्षा संशोधन विधेयक 2022 को सदन पटल पर लाने की अनुमति।
– पेट्रोलियम एवं ऊर्जा अध्ययन विश्वविद्यालय अधिनियम 2003 में संशोधन विधेयक को सदन के पटल पर लाने को मंजूरी।
– कैम्पा के वार्षिक लेखा विवरण वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 को सदन पटल पर रखे जाने की अनुमति प्रदान की गई।
– राज्य के सात इंजीनियरिंग कॉलेजों में संविदा पर कार्यरत कुल 77 शिक्षकों से सितंबर 2022 तक शिक्षण कार्य कराने की अनुमति।
– प्रदेश के कोषागारों एवं उपकोषागारों के लिए चयनित अभ्यर्थियों में से सात को सर्वाेच्च न्यायालय के आदेशों के तहत आयु सीमा में छूट।
– एकल आवासीय व्यवसायिक भवनों के भू उपयोग में नर्सिंग होम क्लीनिक, चाइल्ड केयर, नर्सरी स्कूल इत्यादि के विनियमित करने के लिए एकमुश्त समाधान योजना को समय सीमा बढ़ाई, तय समय पर पूर्ण करने के निर्देश।
– उत्तराखंड भू संपदा नियामक प्राधिकरण विनियम 20-21 को विधानसभा के पटल पर रखे जाने का निर्णय।
– उत्तराखंड एकल खिड़की सुगमता और अनुज्ञापन विधेयक 2022 के सदन पटल पर रखने की अनुमति।
– जिला नैनीताल के लालकुआं में कब्जे धारक पट्टेधारकों को राहत, संक्रमणीय अधिकार दिए जाने वाले शासनादेश की समयावधि को एक वर्ष तक बढ़ाने की अनुमति।
– पूर्व सरकार में गठित मंत्रिमंडलीय उपसमितियों को पुर्नगठित किए जाने के संबंध में मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया।