पिछले छह माह में उप्र विधान सभा में शुरू हुईं कई नई परम्पराएं : सतीश महाना
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने अपने छह माह का कार्यकाल पूरा करने के अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए अपनी उपलब्धियां साझा कीं। उन्होंने कहा कि उप्र विधानसभा ने परसेप्शन बदलने का काम किया है। इस छह माह में कई नई परम्पराएं शुरू हुईं। देश की अन्य विधानसभाएं हमें फॉलो कर रही हैं। हम भी उनसे सीख रहे हैं।
सतीश महाना ने गुरुवार को यहां विधान सभा के राजर्षि पुरुषोत्तम दास टण्डन हाल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि विधानसभा का डिजिटलाइजेशन किया है। अब सदन में मंत्रियों को उत्तर पढ़ने की जरूरत नहीं है। इस परम्परा को समाप्त किया गया। सदस्यों के प्रश्नों का उत्तर उनके टैबलेट में उपलब्ध रहता है। ई-विधान सभा की सराहना पूरे देश में हुई है। 90 प्रतिशत से अधिक विधायक ई-विधान व्यवस्था को अपनाए हैं। इससे कागज की उपयोगिता बहुत कम हुई है।
विधायक सदन में बैठ रहे हैं। कार्यवाही में शामिल हो रहे हैं। बड़ी संख्या में प्रश्न लगा रहे हैं। महाना ने बताया कि हमने विधायकों के साथ परिचर्चा की नई परंपरा शुरू की है। पांच समूहों में बांटकर विधायकों को बुलाया। महिलाओं के साथ बैठा तो उन्होंने कहा कि हमें बोलने का अवसर नहीं मिलता है। इस बार के सदन में महिलाओं को बोलने के लिए अवसर दिया गया। अब वह अपनी बात रखने के लिए अवसर मांग रही हैं। बेझिझक अपनी बात रख भी रही हैं।
18वीं विधान सभा के गठन के पश्चात् दोनों सत्रों में यह विशेष उपलब्धि रही कि सदन में स्थगन नहीं रहा। अधिक से अधिक प्रश्न सदन में लिए गए। कई बार सभी तारांकित प्रश्नों पर चर्चा हुई।
उन्होंने बताया कि वकील, डॉक्टर, पीएचडी होल्डर विधायकों का समूह बनाऊंगा। इसके साथ ही विधानसभा की सुरक्षा को लेकर भी कम किया गया। पत्रकारों के लिए कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। संसदीय पत्रकारिता पर गोष्ठी होगी। उसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है। उस गोष्ठी में हाउस की रिपोर्टिंग के बारे में चर्चा होगी। उसमें नियम, परम्पराओं पर आधारित जानकारी पर विमर्श होगा। यूथ पार्लियामेंट का आयोजन किया जाएगा। विधान सभा अध्यक्ष ने बताया कि नियमों का सरलीकरण करेंगे। ताकि सदस्य अपनी बात आसानी से कह सकें और समझ सकें। इस मौके पर अध्यक्ष के साथ प्रमुख सचिव विधान सभा प्रदीप दुबे भी मौजूद रहे।