धरोहर संस्था में मंथन, उत्तराखंड संस्कृति को जीवंत रखने के लिए विभिन्न माध्यमों से की जाएगी पहल

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नैनीताल : उत्तराखंड की संस्कृति एवं लोक कला के संरक्षण को लेकर नैनीताल में अपनी धरोहर संस्था की ओर से मंथन किया गया। इस दौरान समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विषय विशेषज्ञों ने अपने-अपने विचार रखे। वक्ताओं ने कहा कि अपनी धरोहर को बचाने संस्कृति को जीवंत रखने के लिए विभिन्न माध्यमों से पहल की जाएगी।

राज्य अतिथि गृह, नैनीताल क्लब स्थित सभागार में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ संस्था के अध्यक्ष पूर्व आईजी जीएस मर्तोलिया ने किया। इस बीच कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से भी विभिन्न स्थानों से विषय विशेषज्ञ जुड़े। संस्था के सचिव विजय भट्ट ने बैठक में मौजूद लोगों का स्वागत एवं आभार व्यक्त किया।

उपाध्यक्ष मनमोहन चौधरी की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में लोगों ने विचार रखे। संगठन के संयोजक रुचिर साह ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य रूप से पांच विंदुओं पर परिचर्चा की गई। जिसमें गोलजू संदेश यात्रा, जो कि नेपाल से शुरू होकर कुमाऊं से गढ़वाल तक आयोजित की जाएगी। दूरस्थ स्थानों पर अव्यवस्थित गांव जहां सुविधा के अभाव में दयनीय स्थिति बनी हुई है, उन्हें गोद लिए जाने पर सहमति बनी। इस संबंध में जल्द ही गांव चयनित कर इसको लेकर कार्य योजना तैयार की जाएगी। जिससे गांव का उत्थान किया जा सके।

इसके अलावा उत्तराखंड के ऐतिहासिक विरासत के संरक्षण को लेकर बैठक में विचार विमर्श किया गया। मौजूद लोगों ने कहा, कि उत्तराखंड के ऐतिहासिक विरासत जिसमें ऐतिहासिक भवन, मंदिर, दर्शनीय स्थल, वाद्य यंत्र, पहनावे, खानपान, स्थानीय बोली-भाषाएं, लोक गीत, लोक कलाकार, स्थानीय त्योहार आदि को संरक्षित किए जाने की नितांत आवश्यकता है। इस बीच निर्णय लिया गया, कि संबंधित सभी धरोहरों को चयनित कर इनके संरक्षण को लेकर कार्ययोजना तय की जाएगी।

इसके अलावा उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाए जाने को लेकर वक्ताओं ने विचार रखे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के स्थानीय उत्पादकों को राष्ट्रीय स्तर पहचान दिलाए जाने को संरक्षित किया जाना आवश्यक है। इसके लिए संसाधन, उपकरण तथा तैयार उत्पादों को पैकिंग व उन्हें उचित बाजार दिलाए जाने को लेकर निर्णय लिया गया। बैठक में मौजूद विशेषज्ञों ने कहा, कि अपनी धरोहर संस्था को राज्य उत्तराखंड में एक प्रेशर ग्रुप के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके विस्तार तथा उद्देश्यों को लेकर परिचर्चा की गई। जिसमें सभी सदस्यों ने सहमति व्यक्त की।

इस मौके पर विवेक भट्ट, शंकर दत्त पांडे, दामोदर पांडे, जगदीश, चंदन किरौला, सुरेश कांडपाल, मनोज पंत, कविता जोशी, मनोज डंगवाल, सौरभ रावत, दीपक मेलकानी, अभिषेक साह, अभिषेक मेहरा, नीरज जोशी, गौरव पांडे, अनिल घिल्डियाल,नरसिंह कुंवर, राजेश,साह, धर्मेंद्र, कैलाशआ, ​कविता मेहता, राधा तिवारी, विनीता, सुनीता जोशी, रामपाल मेहता आदि रहे ।

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