हिमाचल के किन्नौर जिला के ऐतिहासिक गांव ठंगी में माघ मेले की धूम

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रिकांगपिओ: किन्नौर जिला के ठंगी गांव में हर वर्ष माघ महीने के दौरान ऐतिहासिक माघ पर्व का आयोजन किया जाता है। आठ दिनों तक चलने वाला यह पर्व इन दिनों जारी है। आस्था और विश्वास के इस पर्व के दौरान समस्त ग्रामीण अपने इष्ट देवता से अच्छे व बेहतरी की कामना करते हैं। आठ दिनों के इस पर्व में गांव की सभी महिलाएं व पुरुष अपने पारंपरिक वेशभूषा व आभूषण पहनकर अपने इष्ट देवता रापुक शंकर जी के समक्ष हर दिन अलग -अलग पौराणिक मान्यताओं के अनुसार उत्सव को मनाते हैं।

मेले के प्रथम दिन देव कारदारों सहित ग्रामीणों द्वारा अपने इष्ट देवता रापुक शंकर जी की पूजा अर्चना के साथ की जाती है। आठ दिनों तक इस पर्व को पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ही आयोजित किया जाता है। इस ऐतिहासिक पर्व के दौरान यह भी देखा गया है कि ग्रामीण सामूहिक रूप से पूजा -पाठ कर गांव की सुख समृद्धि की कामना करते हैं ताकि आने वाले वर्ष समस्त ग्रामीणों के लिए सुख समृद्धि से भरा रहे। इस परंपरा को स्थानीय बोली में रूम पजाम कहा जाता हैं। देवता पुजारी धन सिंह नेगी के अनुसार रूम पजाम यानी गांव की सुख समृद्धि के लिए किया जाने वाला पूजा पाठ पर्व का महत्वपूर्ण हिस्सा रहता है। मेले के दौरान सभी ग्रामीण पारंपरिक किन्नौरी नाटी, नृत्य आदि का आनंद लेते हैं। इस उत्सव के दौरान ग्रामीण अपने सगे संबंधियों को अपने घरों में आमंत्रित कर खूब मेहमान नवाजी की जाती है। इस पर्व को बड़े बुजुर्गों के साथ साथ युवा पीढ़ी भी बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते आ रहे है। विशेष बात यह है कि यहां की युवा पीढ़ी भी अपनी इस समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बखूबी संजोए हुए है। गांव के सभी बड़े बुजुर्गो में एक बड़ी मान्यता यह है कि देवी.देवताओं के आशीर्वाद से समस्त जनता की खुशहाली बनी रहती है।

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