लखनऊ उत्तर विधानसभा में भाजपा, कांग्रेस, बसपा में त्रिकोणी मुकाबला
लखनऊ: लखनऊ उत्तर विधानसभा में भाजपा, कांग्रेस, बसपा में त्रिकोणी मुकाबला देखने में आ रहा है। वहीं सपा का प्रत्याशी अपने ही पार्टी के लोगों के नाराजगी के कारण रेस में काफी पीछे खड़ा दिख रहे हैं।
लखनऊ उत्तर विधानसभा में भाजपा के प्रत्याशी डा. नीरज बोरा ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा प्रत्याशी के पीछे संगठन पदाधिकारियों और समीकरण बनाने व बिगाड़ने वाले नेताओं ने प्रचार पर जोर दिया है। उत्तर में नीरज बोरा पूर्व में विधायक रहे हैं और अपने द्वारा किये गये विकास कार्यो को जनता के बीच लेकर जा रहे हैं।
भाजपा के वार्ड एवं महानगर के पदाधिकारियों एवं सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं की ओर से भी सुबह शाम भाजपा प्रत्याशी के प्रचार में ताकत लगायी जा रही है। डालीगंज, त्रिवेणी नगर, केशव नगर, फैजुल्लागंज जैसे क्षेत्रों में भाजपा प्रत्याशी के समर्थकों ने पकड़ बना ली है।
कांग्रेस प्रत्याशी अजय कुमार श्रीवास्तव उर्फ अज्जू हर वर्ग धर्म के लोगों को अपने लिए मतदान करने की अपील कर रहे हैं। अजय श्रीवास्तव पिछले चुनाव में दूसरे दल से भाग्य आजमाये थे और अच्छा चुनाव लड़ते हुए हार का सामना करना पड़ा था। इस बार मुस्लिम बहुल्य इलाकों में अजय पकड़ बनाने में जुटे हैं। उनके पीछे पुराने साथियों ने दम झोंका हुआ है तो लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी प्रचार में जोर लगाए हुए दिख रहे हैं।
सपा की प्रत्याशी पूजा शुक्ला को उनके ही पार्टी के लोगों की नाराजगी उठानी पड़ रही है। सपा के पुराने चेहरों के टिकट ना मिलने से उनके समर्थंक भी बड़ी संख्या में नाराज हैं और उनकी नाराजगी को दूर करने का प्रयास भी नहीं किया गया है। पूजा शुक्ला के प्रचार का महिलाओं पर खासा असर है, लेकिन वे प्रचार में दिखायी नहीं पड़ा है।
बसपा के प्रत्याशी सरवर को पार्टी के बेस वोटरों का समर्थन मिल रहा है। बसपा के बेस वोटर सरवर के साथ ताल से ताल मिला रहे हैं। सरवर के सहयोग में कुछ सामाजिक संगठनों ने समर्थन किया है लेकिन उसका कोई बड़ा असर नहीं दिखलायी पड़ रहा है। अभी तक बसपा के बूथ प्रबंधन के लिए सात से ज्यादा बैठकें हो चुकी है और जिलाध्यक्ष समेत पदाधिकारी लगातार प्रत्याशी से वार्ता कर बूथ प्रबंधन में जुटे हैं।
इसके अलावा आप और अन्य दलों के प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में लड़ रहे हैं लेकिन उनको वोट काटने वाला प्रत्याशी ही माना जा रहा है। अन्य प्रत्याशियों के दमखम से ज्यादातर कर जीताऊ प्रत्याशी के वोट कट रहे हैं।