जानिए कब है विजया एकादशी, धार्मिक महत्व और तुलसी उपाय

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इस व्रत का उल्लेख भविष्य पुराण में भी किया गया है, जहां स्वयं श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को इसके महत्व के बारे में बताया था. इस साल 24 फरवरी को विजया एकादशी व्रत रखा जाएगा| इस एकादशी का नाम ही विजया है, जिसका अर्थ है जीत. इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और व्रत रखा जाता है. मान्यता है कि इस एकादशी के व्रत से सभी पापों का नाश होता है और जीवन में विजय, सुख-समृद्धि तथा शत्रु बाधाओं से मुक्ति मिलती है. शास्त्रों के अनुसार, विजया एकादशी व्रत करने से व्यक्ति अपने सभी पूर्व जन्मों के पापों से मुक्त हो जाता है और मोक्ष प्राप्त करता है

भगवान राम से जुड़ा प्रसंग भी है, जिसमें माना जाता है कि जब श्रीराम लंका पर आक्रमण करने जा रहे थे, तब उन्होंने इसी एकादशी का व्रत रखा था. इसके प्रभाव से उन्हें विजय प्राप्त हुई थी. तुलसी को श्रीहरि का अभिन्न अंग माना गया है. एकादशी पर तुलसी पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और धन-संपत्ति में वृद्धि होती है. विजया एकादशी के दिन तुलसी दल अर्पित करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. तुलसी पूजन से भगवान विष्णु जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्तों को धन, समृद्धि और मानसिक शांति का आशीर्वाद देते हैं

तुलसी के उपाय- आर्थिक तंगी दूर करने का उपाय विजया एकादशी के दिन तुलसी के पास गाय के घी का दीपक जलाने से आर्थिक तंगी दूर होती है और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. यह उपाय धन की कमी को दूर करता है और घर में सुख-शांति लाता है

इस दिन भगवान विष्णु को तुलसी पत्र और चंदन मिलाकर अर्पित करें. इससे घर में बरकत होती है और व्यवसाय या नौकरी में उन्नति के योग बनते हैं आर्थिक समृद्धि का उपाय- एकादशी के दिन स्नान के पानी में तुलसी के कुछ पत्ते डालकर स्नान करें. इससे न केवल मानसिक शुद्धि होती है, बल्कि यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर आर्थिक समृद्धि को बढ़ाने में सहायक होता है. विजया एकादशी पर तुलसी पूजन करने और ये उपाय अपनाने से व्यक्ति को आर्थिक मजबूती, पारिवारिक सुख और आध्यात्मिक उन्नति का वरदान मिलता है|

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