जानिये वरलक्ष्मी व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
धर्म-संस्कृतिः हिन्दू धर्म में सुहागिन महिलाओं के लिए कई व्रत वर्णित है। इन्हीं व्रतों में से एक है वरलक्ष्मी व्रत। वरलक्ष्मी व्रत सावन माह के आखिरी शुक्रवार के दिन रखा जाता है। यह व्रत मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। इस साल वरलक्ष्मी व्रत इसलिए खास है क्योंकि इसी दिन सावन पूर्णिमा का महासंयोग भी बन रहा है। शिव जी के साथ लक्ष्मी मां की कृपा मिलेगी। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कब पड़ रहा है वरलक्ष्मी व्रत। साथ ही जानेंगे इस दिन का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व।
वरलक्ष्मी व्रत 2023 तिथि वरलक्ष्मी व्रत तिथि आरंभ: 24 अगस्त, दिन गुरुवार, सुबह 5 बजकर 55 मिनट
वरलक्ष्मी व्रत तिथि समापन: 25 अगस्त, दिन शुक्रवार (शुक्रवार के उपाय), शाम 6 बजकर 50 मिनट
ऐसे में सूर्योदय के अनुसार, वरलक्ष्मी व्रत 25 अगस्त को रखा जाएगा।
वरलक्ष्मी व्रत 2023 शुभ मुहूर्त सिंह लग्न पूजा मुहूर्त: सुबह 5 बजकर 55 मिनट से 7 बजकर 42 मिनट
वृश्चिक लग्न पूजा मुहूर्त: दोपहर 12 बजकर 17 मिनट से 2 बजकर 36 मिनट
कुम्भ लग्न पूजा मुहूर्त: शाम 6 बजकर 22 मिनट से रात 7 बजकर 50 मिनट
वृषभ लग्न पूजा मुहूर्त: रात 10 बजकर 50 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट
वरलक्ष्मी व्रत 2023 पूजा विधि वरलक्ष्मी व्रत वाले दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान कर लें।
पूजा स्थान को गंगाजल छिड़ककर शुद्ध और साफ कर दें।
मां वरलक्ष्मी का ध्यान करते हुए व्रत रखने का संकल्प करें।
लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का स्वच्छ कपड़ा बिछाएं।
मां लक्ष्मी (मां लक्ष्मी की पूजा के नियम) की प्रतिमा स्थापित करें। प्रतिमा के पास चावल रखें।
इसके बाद चावल के ऊपर एक कलश में जल भरकर रख दें।
कलश के चारों तरफ चंदन से लेप लगाएं। मां के मंत्रों का जाप करें।
माता लक्ष्मी को पुष्ण, नारियल, हल्दी, कुमकुम, माला अर्पित करें।
मां वरलक्ष्मी को सोल श्रृंगार अर्पित करें। मिठाई का भोग लगाएं।
फिर धूप और घी का दीपक जलाकर वरलक्ष्मी मां से प्रार्थना करें।
पूजा के बाद वरलक्ष्मी व्रत कथा का पाठ अवश्य करें। अंत में आरती करके सभी के बीच प्रसाद का वितरण कर दें।