आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना में फर्जीवाड़े की जांच शुरू, विजिलेंस टीम ने कानपुर में डाला डेरा

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कानपुर: आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना में हुए करोड़ों के फर्जीवाड़े की जांच शुरू हो गई है। इसके तहत सर्वोदय नगर स्थित क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त कार्यालय में केन्द्रीय विजिलेंस की टीम डेरा डाले हुए है। सोमवार रात से टीम ने छापेमारी शुरू की थी, जो कई दिनों तक चलेगी। खबर यह भी है कि विगत अप्रैल में हुए तीन लाख घूसकांड की भी जांच की जा रही है। टीम के अधिकारियों ने दोनों मामलों से जुड़ी फाइलें अपने कब्जे में लिया है।

असिस्टेंट डाॅयरेक्टर विजिलेंस और इनके साथ कई अधिकारी कार्यालय में मौजूद हैं। टीमों ने अलग-अलग सेक्शन की फाइलें भी मंगाई हैं। इस कार्रवाई के संदर्भ में सेंट्रल विजिलेंस की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन सूत्रों ने बताया कि क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त कार्यालय कानपुर रीजन से जुड़े 639 प्रतिष्ठानों में इस तरह के मामले सामने आए हैं, जिन्हें संदिग्ध की सूची में डालकर किसी भी प्रकार के दावे, अंशदान पर रोक लगा दी गई है। कानपुर में दो फर्जी कंपनियों के जरिये करीब 57 लाख रुपये पीएफ से निकाल लिए गए हैं। अन्य संदिग्ध मामलों की जांच चल रही है। अब विजिलेंस ने जांच शुरू की है। पूरे उप्र और कानपुर रीजन में ऐसे मामलों की संख्या सबसे अधिक है।

उल्लेखनीय है कि कार्यालय में विगत 25 अप्रैल को सीबीआई ने छापा मारा था। इस दौरान स्कूल संचालक से तीन लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए पीएफ इंस्पेक्टर अमित श्रीवास्तव रंगेहाथ पकड़ा गया था। इस समय वह जेल में है और कोलकाता कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। अमित पर आरोप था कि चौबेपुर के स्कूल संचालक पर सेवन-ए की कार्रवाई के तहत 50 लाख का जुर्माना किया गया था। इसे रफादफा करने के लिए ही उसने तीन लाख घूस मांगा था। अब इस मामले की भी जांच शुरू हो गई है।

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