अवैध शराब मामले में आबकारी विभाग का शराब माफिया पर चला डंडा, दो प्लांट का लाइसेंस निरस्त
शिमला: : प्रदेश में जहरीली शराब का मामला सामने आने के बाद आबकारी विभाग भी सक्रियता बढ़ गई है। विभागीय लगातार प्रदेशभर में छापेमारी कर रहे हैं। कई जिलों में छापामार कार्रवाई की गई और दो बाॅटलिंग प्लांट के लाइसेंस को निलंबित कर किया गया है
राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने एक बयान में बताया कि शनिवार और रविवार को गुप्त सूचना के आधार पर जिला शिमला के चियोग में समाहर्ता ने एक बार का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान बार में देसी शराब की 20 बोतलें पकड़ी गई। इसी तरह जिला सिरमौर में एक रेस्टोरेंट में औचक निरीक्षण किया गया। इस रेस्टोरेंट में बिना लाइसेंस के शराब का सेवन करवाना पाया गया। निरीक्षण के दौरान पांच बोतल बीयर, दो बोतल नैना रम, एक बोतल माल्टा बरामद होने पर रेस्टोरेंट के विरुद्ध कार्रवाई की गई।
इसके अतिरिक्त जिला सिरमौर में होलसेल गोदाम और खुदरा बिक्री की दुकानों में रखे स्टाॅक की जांच भी की गई। जोगिन्द्रनगर स्थित बाॅटलिंग प्लांट की निर्मित 382 पेटियां प्योर संतरा के स्टाॅक को विभाग के अधिकारियों ने लाइसेंसी की सपुर्दगी में दिया है और जांच पूरी होने तक इस स्टाॅक को न बेचने के निर्देश दिए।
जिला हमीरपुर में भी खुदरा शराब की दुकानों पर स्टाॅक में अनियमितताएं पाई गईं। अधिकारियों ने उक्त स्टाॅक को जब्त कर दुकानों का चालान किया गया। इसके अलावा बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ में विभागीय अधिकारियों ने एक होटल में छापा मारकर अंग्रेजी शराब की 28 बोतलें जब्त की गईं। इस होटल के पास आबकारी का कोई भी लाइसेंस नहीं था। विभाग ने होटल से 20 हजार रुपये का जुर्माना वसूला। आबकारी विभाग के मध्य क्षेत्र ऊना के उड़नदस्ता ने नादौन एवं जाहू क्षेत्र में अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई कर तीन स्थानों से 87 बोतलें शराब जब्त की। तीनों मामलों में विभाग ने 35 हजार रुपये जुर्माना वसूला गया। हमीरपुर स्थित ठाकुर ब्रदर्स बार में अनियमितता पाए जाने के बाद बार का लाइसेंस भी निलंबित कर दिया गया है। जिला सोलन के लोहार घाट में अवैध शराब की फैक्टरी का खुलासा किया है।
राज्य कर एवं आबकारी आयुक्त यूनुस ने बताया कि विभाग राज्य में अवैध शराब कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए बड़े पैमाने पर कार्रवाई कर रही है। जोगिंद्रनगर स्थित बाॅटलिंग प्लांट का लाइसेंस एवं परवाणु स्थित बाॅटलिंग प्लांट के लाइसेंस को निलंबित कर दिया गया है और अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है।