किन्नौर की देश में पन बिजली उत्पादन के रूप में पहचान : सूरत नेगी

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रिकांगपिओ: किन्नौर जिला पन बिजली उत्पादन के लिए देश भर में जाना जाता है। जिले में वर्तमान में 19 छोटी-बड़ी जल विद्युत परियोजनाओं के माध्यम से 1821 मेगावाॅट का उत्पादन हो रहा है। इसके अलावा एशिया की सबसे बड़ी जल विद्युत परियोजना नाथपा झाकड़ी (1500 मेगावाॅट) भी इसी जिले से संबंधित है।

हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम के उपाध्यक्ष सूरत नेगी ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत भावानगर में आयोजित जिला स्तरीय बिजली महोत्सव कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कहा कि हिमाचल प्रदेश देश की उर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में अहम भूमिका निभा रहा है। प्रदेश पड़ोसी राज्यों को भी विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित बना रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में 24,587 मेगावाॅट विद्युत क्षमता है तथा वर्तमान में राज्य 169 जल विद्युत परियोजनाओं के माध्यम से 10,498 मेगावाॅट क्षमता का दोहन कर रहा है। वर्तमान में प्रदेश उर्जा सरपल्स राज्य बन चुका है। इसे बढ़ाने और अतिरिक्त विद्युत उत्पादन करने की दिशा में कार्य चल रहा है।

सूरत नेगी ने कहा कि वर्ष 2014 में देश में कुल 2,48,554 मेगावाॅट बिजली उत्पादन हो रहा था जो गत 8 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बढ़कर 4,00,000 मेगावाॅट हो गया है जो देश की कुल बिजली मांग से लगभग 1,85,000 मेगावाॅट अधिक है।

उन्होंने कहा कि किन्नौर जिला में वर्तमान में 36,300 विद्युत कनैक्शन है। सरकार द्वारा अप्रैल माह से 0 से 60 यूनिट तक व जुलाई माह से 0 से 125 यूनिट विद्युत खपत पर कोई भी बिल की वसूली नहीं की जा रही है जिससे अब तक 25,726 उपभोक्ता लाभान्वित हुए हैं। जिले में गत साढ़े चार वर्षों के दौरान नई एच.टी व एल.टी लाईन बिछाने व सुधार, नए ट्रांसफाॅर्मर स्थापित करने व पुराने ट्रांसफाॅर्मर के संवर्धन करने पर 22 करोड़ रुपये की राशि व्यय की गई।

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