हिमाचल पर 31 मार्च तक होगा 70 हज़ार करोड़ का कर्ज, जयराम ठाकुर घोषणाओं वाले मुख्यमंत्री: नेता प्रतिपक्ष
शिमला: हिमाचल प्रदेश के वर्ष 2022-23 के आम बजट पर विधानसभा में शनिवार से चर्चा शुरू हो गई। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने बजट चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर जोरदार राजनीतिक हमले बोले और कहा कि जयराम ठाकुर को घोषणाओं वाले मुख्यमंत्री के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने जयराम ठाकुर पर नवाबों की तरह राज करने का आरोप लगाया और कहा कि हिमाचल पर 31 मार्च 2022 से पहले 70 हजार करोड़ रुपए का कर्ज हो जाएगा।
उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा पेश बजट को घबराहट, निराशा और हताशा वाला बजट करार दिया और कहा कि इसमें कोई दिशा नहीं है।
अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में केवल दो विधानसभा क्षेत्रों सराज और धर्मपुर में ही पांच सालों में काम हुए, जबकि बाकी क्षेत्रों में सिर्फ घोषणाएं की गई। उन्होंने कहा कि सरकार के आखिरी साल में भी बजट में सराज के लिए 121 और धर्मपुर के लिए 147 करोड़ रुपए की पेयजल योजनाओं की घोषणाएं कर दी गई, जबकि बाकी विधानसभा क्षेत्रों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया।
मुकेश अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री द्वारा पेश बजट को चुनावी बजट करार दिया और कहा कि इसमें किसी भी तरह सत्ता में बने रहने का प्रयास किया गया है, लेकिन सरकार की विदाई का वक्त आ गया है और विदाई की शहनाई बज चुकी है। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर प्रदेश को आकंठ कर्ज में डूबो देने का आरोप लगाया और कहा कि यह बजट दिवालियापन और वित्तीय कुप्रबंधन का दस्तावेज है। उन्होंने मुख्यमंत्री पर प्रदेश में इकनॉमिक डिजास्टर का आरोप भी लगाया और कहा कि पिछले साल प्रदेश की वृद्धि दर माइनस 6.2 फीसदी थी जो इस बार मुख्यमंत्री ने बजट में 8.3 फीसदी दर्शा दी। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा कि आखिरकार उन्होंने ऐसा कौन सा चमत्कार कर दिया जो प्रदेश की विकास दर इतनी अधिक हो गई।
नेता प्रतिपक्ष ने इसे आंकड़ों का मायाजाल करार दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री बजट सत्र खत्म होते ही 6276 करोड़ रुपए का ऋण लेने वाले हैं, जिससे प्रदेश में कर्ज का बोझ बढ़कर 70 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कर्जों को लेकर झूठ बोल रहे हैं और इसके लिए प्रदेश की जनता कभी उन्हें माफ नहीं करेगी।
अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश के वित्तीय घाटे के लिए बजट में कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने चुनौती दी कि यदि यह बात बजट किताब में नहीं होगी तो वह इस्तीफा देंगे और यदि होगी तो मुख्यमंत्री अपने पद से इस्तीफा देंगे। उन्होंने कहा कि बजट में कर्मचारियों के सभी वर्गों को नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने कहा कि नए वेतनमान को लेकर प्रदेश के कर्मचारी सरकार से नाराज हैं और तीन विकल्प देने के बावजूद अभी तक एक भी कर्मचारी ने नया वेतनमान नहीं लिया है। उन्होंने सरकार से भर्तियों में बेईमानी न करने का आग्रह किया।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण जयराम ठाकुर सरकार की सबसे बड़ी विफलता रही है। उन्होंने पूछा कि 65 हजार करोड़ रुपए के 69 एनएच का क्या हुआ, जिसके दम पर भाजपा सत्ता में आई थी। उन्होंने सरकार द्वारा 60 साल से ऊपर के सभी लोगों को सामाजिक पेंशन देने पर भी सवाल उठाए और कहा कि मुख्यमंत्री ने बजट में अगले वित्त वर्ष में सिर्फ 40 हजार लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन देने की बात कही है। ऐसे में 60 साल से ऊपर के एक भी व्यक्ति को पेंशन नहीं मिलेगी।
अग्निहोत्री ने तीन साल से बच्चों को लैपटाप नहीं मिल पाने और जलशक्ति विभाग में केवल आठ ठेकेदारों को 2800 करोड़ रुपए के ठेके देने का मामला भी उठाया और कहा कि जलशक्ति विभाग सबसे बड़ा घोटाला बन गया है।