हिमाचल : एनएचएआई ने फोरलेन निर्माण में जुटी 16 एजेंसियों को सौंपी जिम्मेदारी, अब स्लाइडिंग-हादसों पर महज 30 मिनट में पहुंचेगी मदद
शिमला: नेशनल हाई-वे पर अब महज 30 मिनट में मदद पहुंचेगी। एनएचएआई ने प्रदेश भर में फोरलेन निर्माण में जुटी 16 एजेंसियों को यह आदेश जारी कर दिए हैं। यह आदेश भू-स्खलन या सडक़ दुर्घटना दोनों में ही लागू होंगे। एनएचएआई ने हाल ही में शिमला-मटौर नेशनल हाई-वे पर हीरानगर में हुए हादसे के बाद लिया है। इस हादसे में एक युवक बस के नीचे दब गया था और इसे निकालने में एनएचएआई को अपनी दो क्रेन भेजनी पड़ी।
युवक करीब तीन घंटे तक बस के नीचे दबा रहा। अब ऐसे हादसे भविष्य में किसी दूसरी जगह हों तो ज्यादा देर न लगे, इसके लिए एनएचएआई ने कड़े प्रावधान कर दिए हैं। साथ ही फोरलेन निर्माता कंपनियों को बरसात के दौरान बड़ी मशीनें हमेशा तैयार रखने की बात कही है। हादसा होने पर आधे घंटे में कंपनी प्रबंधन को मशीनरी के साथ पहुंचना होगा। एनएचएआई ने चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाई-वे में सात, मंडी-पठानकोट में चार, शिमला-मटौर पर तीन और परवाणू-शिमला नेशनल हाई-वे पर दो एजेंसियों को राहत और बचाव कार्य तत्काल शुरू करने के लिए चिह्नित किया है। गौरतलब है कि प्रदेश में भारी बरसात की वजह से भू-स्खलन के मामले भी बढ़ गए हैं। ऐसे में नेशनल हाई-वे भी बाधित हो रहे हैं। इन हाई-वे को अब एक घंटे से ज्यादा समय तक बंद न रखने के आदेश हुए हैं। सभी एजेंसियों को आपात कक्ष बनाने की हिदायत दी गई है और इस आपात कक्ष में भारी मशीनरी हर दम तैनात रहेगी। आपात कक्ष से हाई-वे के दोनों ओर 30 किलोमीटर का दायरा तय रहेगा।
शिमला-किन्नौर को छोड़ सभी मार्गों पर प्रबंध
शिमला-किन्नौर एनएच पर पूर्व में कई हादसे हो चुके हैं और भू-स्खलन या पत्थर गिरने की वजह से लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है। हालांकि इस मार्ग को फिलहाल, फोरलेन में नहीं बदला जा रहा है। ऐसे में यहां कोई भी एजेंसी तैनात नहीं है, जबकि अन्य नेशनल हाई-वे को फोरलेन में बदलने का काम जारी है। इससे मार्ग बाधित होने का खतरा बना हुआ है। पूर्व में कालका-शिमला एनच पर परवाणू से सोलन तक के हिस्से में लगातार भू-स्खलन होता रहा है।
आपातकालीन कक्ष बनाने की हिदायत
एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित ने बताया कि एनएच में अब लोगों को 30 मिनट में मदद पहुंच जाएगी। इसके लिए प्रदेश भर के चारों एनएच इसमें कवर किए हैं। एजेंसियों को आपातकालीन कक्ष बनाने की हिदायत दी गई है। यह कक्ष 30 मिनट के दायरे में बनाए जाएंगे, ताकि जल्द से जल्द मदद पहुंचाई जा सके। एनएच को सामान्य तौर पर एक घंटे में बहाल करने के निर्देश दिए हैं।