हिमाचल में दो दिन भारी बारिश की चेतावनी, येलो अलर्ट जारी

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हिमाचल: प्रदेश में दो दिन भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 20 व 21 सितंबर को 10 जिलों ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर के कई भागों के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। 24 सितंबर तक प्रदेश में बारिश का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान है। वहीं, प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान अभी तक सामान्य से 14 फीसदी कम बारिश दर्ज हुई है। कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों को छोड़कर शेष नौ जिलों में सामान्य से कम बादल बरसे हैं।

13 जून से 17 सितंबर तक कुल्लू में सबसे अधिक सामान्य से 39 फीसदी, मंडी में 7 और शिमला में एक फीसदी अधिक बारिश हुई है। लाहौल-स्पीति जिले में सबसे कम 68, बिलासपुर जिले में 14, चंबा में 43, हमीरपुर में 6, कांगड़ा में 9, किन्नौर में 6, सिरमौर में 24, सोलन में 19 और ऊना जिला में सामान्य से 15 फीसदी कम बारिश दर्ज हुई। प्रदेश में इस अवधि के दौरान कुल 621 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि 724 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया है।

उधर, कुल्लू के शारनी-पीणी सड़क पर रोपासेरी में शनिवार सुबह अचानक पहाड़ी से भूस्खलन के चलते चट्टानें गिरने से एक घर को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है। चट्टान की चपेट में आने से परिवार के लोग भी बाल-बाल बच गए। हादसा सुबह करीब साढ़े नौ बजे हुआ। जब पहाड़ी की तरफ से अचानक चट्टानें खिसकर सड़क की ओर लुढ़क गई।

एक चट्टान मकान की छत के साथ गिरी। गनीमत यह रही कि इस चट्टान की चपेट में परिवार का कोई सदस्य नहीं आया। सड़क पर आई चट्टानों के चलते शारनी-पीणी सड़क पर वाहनों की आवाजाही करीब आठ घंटे तक ठप हो गई थी। पीणी पंचायत के प्रधान हिम सिंह ने कहा कि चट्टान खिसकने से मकान को आंशिक रूप से नुकसान हुआ है। उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने कहा कि बरसात के मौसम को देखते हुए लोग एहतियात बरतें। रात्रि के समय सफर करने से बचें। 

एनएच-5 7 6 घंटे बाद बहाल
प्रदेश के किन्नौर जिले के चौरा पुल के पास अवरुद्ध राष्ट्रीय उच्चमार्ग-5 चार दिन(करीब 76 घंटे) बाद वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल कर दिया गया है। नेशनल हाईवे प्राधिकरण, सीमा सड़क संगठन, जेएसडब्ल्यू और लोक निर्माण विभाग ने 52 घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद बीती रात करीब 12 बजे हाईवे को बहाल किया। यातायात ठप होने से किन्नौर, काजा और स्पीति के हजारों लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

वहीं जिले के सेब बागवानों के साथ-साथ किन्नौर, काजा व स्पीति के प्राकृतिक सौंदर्य को निहारने के लिए पहुंचे पर्यटकों को दिक्कतें झेलनी पड़ीं। हाईवे बंद होने से सेब सहित मटर की फसल सड़ने की कगार पर पहुंच चुकी थी। अब किसानों-बागवानों व स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है। भूस्खलन से राष्ट्रीय उच्चमार्ग पर चौरा और निगुलसरी की तरफ दोनों ओर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगी रहीं। नेशनल हाईवे प्राधिकरण के एक्सईएन केएल सुमन ने कहा कि करीब 52 घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद हाईवे बहाल कर दिया गया है। 

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