गोपेश्वर महाविद्यालय में हुआ हरेला जैवविविधता कार्यक्रम

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गोपेश्वर: चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर महाविद्यालय में मंगलवार को नौला संगठन एवं गोपेश्वर महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में हरेला कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रभागीय वनाधिकारी बदरीनाथ वन प्रभाग सर्वेश कुमार दूबे ने कहा कि पूर्वकाल में धारे-नौलों के माध्यम से हमारे पूर्वज जल लेते थे। पीपल का वृक्ष हमें सबसे अधिक प्राणवायु देता है। इस वर्ष हरेला पर्व पर सभी को एक-एक पौध अवश्य लगाया चाहिए। विशिष्ट अतिथि गोपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि हमारे अपने पारम्परिक धारे-नौलों से स्वस्थ जीवन जी सकते हैं तथा स्वस्थ होकर शतायु हो सकते हैं। हम छोटे-छोटे पिटस् बनाकर धरती को रिचार्ज कर हम जल को बचा सकते हैं। पर्यावरण मित्र एवं नौला फाउंडेशन के सदस्य बलवंत सिंह ने बताया कि हमारे प्राचीन ऋषि महर्षियों ने जो पंथ बताया था उसी पंथ पर आखिरकार सुख समृद्धि को प्राप्त कर सकते हैं।

मुख्य वक्ता डॉ. अनिल सैनी ने कहा कि प्रकृति हमें जीवन देती है। खराब जीवन शैली के कारण आज हम अत्यधिक बीमारी की चपेट में आ रहे हैं, जिसको हम जैविक कृषि उत्पादों से ठीक कर सकते हैं। इसलिए हमें जीवन में कम से कम एक पौध का रोपण करें। कार्यक्रम अध्यक्ष प्राचार्य डॉ. मनोज कुमार उनियाल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि हम अपने पारम्परिक तरीके से जल संवर्धन कर सकते हैं हम हिमालयी राज्य होने के नाते हमारी अधिक जिम्मेदारी है जिसको हम अधिक से अधिक पौधरोपण कर बखूबी निभा सकते हैं।

इस अवसर पर डॉ. जेएस नेगी, डॉ. एसके लाल, डॉ. अखिलेश कुकरेती, डाॅ. दीपक दयाल, डाॅ. कुलदीप नेगी, डाॅ. एसएल बटियाटा, डाॅ. नाभेंद्र गुसाईं, डाॅ. मनोज बिष्ट, डाॅ. रंजू बिष्ट, डॉ. भावना मेहरा, डाॅ. मनोज नौटियाल, डॉ. भावना मेहरा, डॉ. रमाकांत यादव, डॉ. अरविंद भट्ट, मीडिया कोऑर्डीनेटर डॉ. दर्शन सिंह नेगी आदि मौजूद थे।

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