राज्यपाल ने बुंदेलखंड विवि के भूजल रिसर्च एप को व्यावसायिक बनाने का दिया सुझाव

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लखनऊ: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन स्थित प्रज्ञाकक्ष में बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय, झांसी के नैक हेतु प्रस्तुतीकरण की समीक्षा की। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय चौथी बार मूल्यांकन के लिए अपनी “सेल्फ स्टडी रिपोर्ट” दाखिल करने की तैयारी कर रहा है। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा विकसित भूजल-रिसर्च एप को जनोपयोगी बनाने की दृष्टि से उसके व्यावसायिक प्रयोग का सुझाव दिया।

राज्यपाल ने कमेटी के सदस्यों से सभी सातों मूल्यांकन क्राइटेरिया पर बिन्दुवार जानकारी ली। राज्यपाल ने कहा कि चर्चा का प्रत्येक बिन्दु व्यापक विवरण से सुसम्बद्ध रहे, जिससे पियर टीम भ्रमण के दौरान सप्रमाण प्रस्तुतीकरण किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रोफेशनल कोर्सेज के रोजगार प्राप्त विद्यार्थियों की संख्या का उल्लेख भी प्रस्तुतीकरण में जोड़ा जाए।

राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की प्रत्येक गतिविधि में विद्यार्थियों की प्रतिभागिता सुनिश्चित करने और उनकी सक्रीय भागीदारी प्रदर्शित करने वाले फोटोग्राफ ही प्रस्तुतिकरण से सम्बद्ध करने को कहा। उन्होंने विश्वविद्यालय की एक्सटेंशन गतिविधियों के प्रस्तुतीकरण को भी सुदृढ़ करने का निर्देश दिया।

विश्वविद्यालय द्वारा झांसी सहित निकटतम पांच जनपदों में भूजल परीक्षण पर किए गए। विशेष और उल्लेखनीय कार्य को राज्यपाल ने सुदृढ़ और विस्तृत लेख के साथ प्रस्तुतीकरण में दर्शाने को कहा। उन्होंने कहा कि सभी सुझावों और निर्देशों के अनुसार सुधार करके ही एसएसआर दाखिल किया जाए।

बैठक में राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा सम्पादित 75 व्यंजन की विधि वर्णन वाली पत्रिका ‘बुंदेली-व्यंजन‘ तथा हाल ही से प्रकाशित की जा रही मासिक पत्रिका ‘संचारिका‘ का लोकार्पण भी किया। इस अवसर पर बैठक में प्रमुख सचिव राज्यपाल कल्पना अवस्थी, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा, विश्वविद्यालय द्वारा नैक तैयारी के लिए गठित टीम के सदस्य तथा अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित थे।

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