उत्तराखंड सरकार ने वीरता पदक से सम्मानित सैनिकों को देय एकमुश्त अनुदान राशि बढ़ाई

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देहरादून: प्रदेश की धामी मंत्रिमंडल ने राज्य के वीरता पदक से सम्मानित सैनिकों को देय एकमुश्त अनुदान राशि में बढ़ोतरी के साथ ही कुल 23 निर्णयों पर मुहर लगाई है।

शुक्रवार रात सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक संपन्न हुई। सत्र की अवधि 14 जून से घोषित होने के चलते मंत्रिमंडल की ब्रीफिंग नहीं की गई। मंत्रिमंडल में कुल 23 प्रस्तावों पर निर्णय लिए गए हैं। इस बार सरकार का बजट 6300 हजार करोड़ का होगा।

मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णय में प्रमुख रूप से उत्तराखंड राज्य के वीरता पदक से सम्मानित सैनिकों को देय एकमुश्त अनुदान में वृद्धि की गई है। परमवीर चक्र से सम्मानित सैनिकों के लिए 30 लाख से 50 लाख, अशोक चक्र 30 लाख से 50 लाख, महावीर चक्र 20 से 30 लाख, वीर और शौर्य चक्र के लिए 15 से 25 लाख की गई है।

कैबिनेट बैठक में ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग की ग्रामीण निर्माण विभाग ड्राइंग अधिष्ठान सेवा नियमावली को मंजूरी दी गई। इसी तरह माध्यमिक शिक्षा के अन्तर्गत निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम की 2009 की धारा 12, जिसमें प्रति व्यक्ति बालक की प्रतिपूर्ति की जाती है उसकी दर कंज्यूमर इंडेक्स प्राइस के आधार पर निर्धारित किये जाने का अनुमोदन किया गया।

इसके अलावा विद्यालयी शिक्षा परिषद के संशोधन विनियम के अध्याय 13-14 में आंशिक संशोधन पर अनुमति प्रदान की गई, जिसमें हाई स्कूल एवं इण्टर के परिषदीय में परीक्षा के मूल्यांकन में सीबीएससी की भांति आन्तरिक मूल्यांकन करने एवं अंक व्यवस्था को अपनाए जाने पर निर्णय लिया गया। सितारगंज चीनी मिल को आउटसोर्स के माध्यम से आगे भी संचालित किये जाने और पीपीपी मोड में दिये जाने की कार्यवाही के निर्देश दिये गए। निदेशालय लेखा परीक्षा के अन्तर्गत अधीनस्थ लेखा परीक्षा सेवा संवर्ग संवीलिपिक सेवा नियमावली की अनुमति दी गई। रेशम विभाग के वर्ग क एवं ख के अधिकारियों के सेवा नियमावली पर संशोधन की अनुमति और उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के 20वें वार्षिक प्रतिवेदन को सदन के पटल पर रखे जाने की अनुमति दी गई। सिंचाई विभाग की मेट सेवा नियमावली को मंजूरी दी गई।

इसके अलावा सीधे भर्ती के कॉस्टेबल एवं नवीन पदनाम एएसआई (एम) की उनकी नियुक्ति की तिथि से सेवा आगठित करते हुए एसीपी अनुमन्य किये जाने की स्वीकृति और उत्तराखंड जमीदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम में संशोधन विधेयक 2022 को विधानसभा के पटल पर रखने का निर्णय हुआ।

पेट्रोलियम एवं ऊर्जा अध्ययन विश्वविद्यालय अधिनियम 2003 में संशोधन किये जाने के संबंध में विधेयक को सदन के पटल पर रखे जाने की अनुमति, कैम्पा के वार्षिक लेखा विवरण वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 को विधानमंडल के पटल पर रखे जाने की अनुमति प्रदान की गई। राज्य के सात इंजीनियरिंग कॉलेजों में तकनीकि शिक्षा की गुणवत्ता एवं सुधार के दृष्टिगत संविदा पर कार्यरत कुल 77 शिक्षकों से सितम्बर 2022 तक शिक्षण कार्य कराये जाने की अनुमति प्रदान की गई।

प्रदेश के कोषागारों एवं उपकोषागारों हेतु चयनित अभ्यर्थियों में से 7 को सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के क्रम में आयु सीमा में छूट प्रदान करने का निर्णय, एकल आवासीय व्यवसायिक भवनों के भू उपयोग में नर्सिंग होम क्लीनिक, चाइल्ड केयर, नर्सरी स्कूल इत्यादि के विनियमित करने हेतु एकमुश्त समाधान योजना को निर्धारित समय सीमा के अन्तर्गत पूर्ण करने के निर्देश, उत्तराखण्ड भू सम्पदा नियामक प्राधिकरण विनियम 20-21 को विधानसभा के पटल पर रखे जाने का निर्णय, उत्तराखण्ड एकल खिड़की सुगमता और अनुज्ञापन विधेयक 2022 के पुनर्स्थापन की अनुमति प्रदान की गई।

इसके अलावा जनपद नैनीताल के लालकुआं में कब्जे धारक पट्टे धारकों को संक्रमणीय अधिकार दिये जाने विषयक शासनादेश की समयावधि को एक वर्ष तक विस्तारित किये जाने की अनुमति प्रदान की गई। कोविड 19 की अवधि में चिकित्सा विभाग के अंतर्गत आउटसोर्स के माध्यम से स्वीकृत पद से अधिक तैनात कार्मिकों के संबंध में निर्णय लेने हेतु मंत्रिमण्डलीय उपसमिति का गठन, विगत सरकार में गठित मंत्रिमण्डलीय उपसमितियों को पुर्नगठित किये जाने के संबंध में मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया।

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