मिलेट्स के प्रोत्साहन पर 200 करोड़ खर्च करेगी योगी सरकार

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लखनऊ:  देश के कुल खाद्यान्न उत्पादन में 20 फीसदी का योगदान देने वाला उत्तर प्रदेश में अंतराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराने को तैयार है और मिलेट्स के प्रोत्साहन के लिये राज्य कर योगी सरकार ने अपने बजट में करीब 200 करोड़ रूपये का प्राविधान किया है।

यह आयोजन भारत की पहल पर ही हो रहा है। लिहाजा देश में इस आयोजन को सफल बनाने की जोरदार तैयारियां चल रही हैं। दुनिया की उर्वरतम भूमि में शुमार इंडो गंगेटिक बेल्ट का अधिकांश हिस्सा उत्तर प्रदेश में ही आता है। भरपूर पानी एवं मानव संसाधन होने के नाते उत्तर प्रदेश में किसी तरह की खेती की संभावना भी अच्छी है। यही वजह है कि मात्र 11 फीसद रकबे वाला उत्तर प्रदेश देश का 20 फीसद खाद्यान्न पैदा करता है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की खेतीबाड़ी में खासी रुचि भी है। यही वजह है कि अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष को सफल बनाने में उत्तर प्रदेश की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण होगी। सरकार “उत्तर प्रदेश मिलेटस पुनरोद्धार कार्यक्रम” चला रही है जिसमें मिलेट्स की पोषण संबंधी खूबियों से लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि बेहतर स्वास्थ्य एवं पोषण सुरक्षा के लिए अधिक्तम लोग इनका किसी न किसी रूप में इनका उपभोग करें। इसके मद्देनजर योजना के तहत मिलेट्स फसलों (बाजरा,ज्वार, सावा, कोदो आदि) की खेती को व्यापक पैमाने पर बढ़ावा देने के लिए समग्रता में प्रयास किये जा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2021-22 में कुल 10.83 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में प्रमुख मिलेट्स फसलों का उत्पादन होता है। इसमें बाजरा, ज्वार, कोदो एवं सावा का रकबा क्रमशः 9.05 , 1.71, 0.02, 0.05 लाख हेक्टेयर है। 2026-27 तक इनकी बोआई का रकबा बढ़ाकर तक 25 लाख हेक्टेयर करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य योगी सरकार ने तय किया है। चार साल में 2.5 लाख किसानों को निःशुल्क बीज देने में 11.86 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके लिए सरकार किसानों को निःशुल्क बीज मिनीकिट वितरित करेगी।

योजना के तहत चार वर्षों में 2.5 लाख बीज मिनीकिट मिलेटस के उपलब्ध कराये जायेंगे। इस पर राज्य सरकार 11.86 करोड़ रुपये खर्च करेगी। मिलेट्स के बीजोत्पादन के लिए सरकार वर्ष 2023-24 से 2026-27 तक कुल 180 कृषक उत्पादक संगठनों को चार लाख रुपये प्रति एफपीओ की दर से सीड़ मनी उपलब्ध कराया जायेगा। इससे भविष्य में प्रदेश में मिलेटस की विभिन्न फसलों के बीज स्थानीय स्तर पर कृषकों को उपलब्ध हो सकेंगे। इस कार्यक्रम पर चार वर्षों में 7.20 करोड़ रुपये का व्यय आयेगा ।

मिलेट्स का रकबा एवं उत्पादन बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम राज्य से लेकर ब्लाक स्तर पर चलाए जाएंगे। इसके तहत हर साल 72,500 किसानों को हर साल मिलेट्स की बेहतर खेती के तौर-तरीकों के बाबत प्रशिक्षित किया जाएगा। इस तरह चार साल में कुल 2.9 लाख किसान लाभान्वित होंगे। इस तरह मिलेट्स फसलों के क्षमतावर्धन एवं प्रचार-प्रसार पर चार वर्षों में 111.50 करोड़ रुपये का व्यय आएगा।

वर्ष 2023-24 से वर्ष 2026-27 तक मिलेटस के मूल्य संवर्द्धन के लिए प्रदेश में कुल 55 मिलेटस प्रसंस्करण, पैकिंग सह विपणन केन्द्र की स्थापना कराया जाएगा। एक इकाई की लागत 95 लाख रुपए आंकलित है। 25 इकाई की स्थापना के लिए कृषि विश्वविद्यालय एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों को शत प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। 30 इकाइयों की स्थापना के लिए कृषक उत्पादक संगठन एवं उद्यमियों को कुल निर्धारित लागत का 50 फीसद अनुदान देय होगा। तय समय मे इस पट लगभग 38 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

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