अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर चार महिलाओं को किया सम्मानित

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ऋषिकेश: महिलाएं अबला नहीं सबला है। इनका और समाज में महत्वपूर्ण स्थान है। इन्होंने वर्तमान समय में जमीन से लेकर आसमान तक हर क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह विचार सरस्वती शिशु विद्या मंदिर आदर्श नगर ऋषिकेश में महिला अंतरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर विद्यालय के व्यवस्थापक दीपक तायल ने व्यक्त किए।

तायल ने कहा कि शहरी हो या ग्रामीण क्षेत्र महिलाएं जागरूकता के अभाव में अपने अधिकारों से वंचित रह जाती हैं, जिसके कारण उनके होठों पर मुस्कान की जगह दर्द, मन का टूटना, रिश्तों में दरार बनी रहती है। उनकी चौखट पर जिंदगी के फैसले हर दिन की कहानी बन जाते हैं। उन्हें जागरूक रहते हुए अपने अधिकारों को जानना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि वैसे तो महिलाएं आज हर क्षेत्र में अपने आप को अग्रणी महसूस कर रही हैं।

विद्या भारती के प्रदेश सह निरीक्षक विनोद रावत ने कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहने के लिए शहर से गांव तक जन जागरूकता अभियान चलाए जाने की आवश्यकता है जिससे दहेज जैसी कुप्रथा पर रोक लग सकेगी। उन्होंने कहा कि आज समाज के अंदर दहेज अभिशाप बन गया है, जिसके कारण महिलाओं को अनेक तरह की प्रताड़ना देकर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है ,यह घटनाएं तभी रुक सकती हैं, जब महिलाएं सबला होंगीं। चार लोगों को डूबने से बचाने के लिए राज्य सरकार से सम्मानित अंजू को तीलू रौतेली, ऋतु भारतीय महिला मारवाड़ी और नम्रता गुप्ता को आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सम्मानित किया गया।

विद्यालय के भैया-बहनों अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सौरव कुलियाल ,अविरल थपलियाल, वैष्णो बेलवाल और ध्रुविका गुप्ता ,कशिश शर्मा ज्योति गिरी ,भूमि भारती ,प्राची वंशिका चौधरी, रिया यादव, निखिल पाल को सम्मानित किया गया।

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