चिंतन शिविर में ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन की वजह, खेती एवं बागवानी में कम रुचि

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मुख्यमंत्री धामी ने आज मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में चल रहे “सशक्त उत्तराखण्ड 25” चिंतन शिविर के तीसरे दिन की चर्चा में प्रतिभाग किया। उन्होंने कहा कि राज्य में खेती एवं बागवानी को बंदरों द्वारा पहुंचाए जा रहे नुकसान से अधिकांश लोग इसमें कम रूचि ले रहे हैं। इस वजह से ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन भी हो रहा है। इस दिशा में विशेष ध्यान देते हुए संबंधित विभागों को वन विभाग के साथ समन्वय बनाकर कार्य करने होंगे। वनमंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि वन पंचायतों के माध्यम से स्थानीय लोगों को वनों से जोड़ना होगा और वनों के माध्यम से उनकी आजीविका को बढ़ाने के प्रयास करने होंगे। कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी ने कहा कि ITI में बच्चों को अच्छा प्रशिक्षण मिले, इसके लिए ITI में आवश्यक संसाधनों एवं मैन पावर को बढ़ाने की दिशा में विशेष ध्यान देना होगा। भविष्य की आवश्यकताओं के हिसाब से विश्लेषण कर कार्यों को आगे बढ़ाना होगा।कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि वन डिस्ट्रिक्ट टू प्रोडक्ट को और अधिक प्रमोट करने की जरूरत है। योग के क्षेत्र में भी राज्य में और तेजी से कार्य हों, योग की राज्य में अनेक संभावनाएं हैं, इस दिशा में प्रयास किए जाए। नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कहा कि राज्य के समग्र विकास के लिए हो रहे इस चिंतन शिविर के आने वाले समय में राज्य को अच्छे परिणाम मिलेंगे। नीति आयोग द्वारा राज्य को हर संभव सहयोग दिए जाने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि उत्पादों की वैल्यू एडिशन, मार्केटिंग एवं ब्रांडिंग की दिशा में विशेष ध्यान देना होगा। अगले 25 साल भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल , रेखा आर्य, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस संधु भी मौजूद रहे।

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