हजारों निर्माण श्रमिकों को पांच पांच हजार रुपए की आर्थिक मदद

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दिल्ली: दिल्ली सरकार ने सोमवार को पंजीकृत 23256 निर्माण श्रमिकों के बैंक खातों में 5.5 हजार रुपए की आर्थिक मदद की राशि भेजी। यह राशि उन निर्माण श्रमिकों को जारी की गई है जो बीते साल प्रदूषण के चलते निर्माण कार्य बंद होने से प्रभावित हुए थे। यह राशि बीते नवंबर माह में ही आवंटित कर दी गई थी लेकिन बैंक खातों में तकनीकी दिक्कतों के कारण कुछ निर्माण श्रमिकों को यह राशि मिल नही पाई थी।

इस महीने वे सभी श्रमिक जिन्होंने अपने बैंक विवरण को 23 मार्च तक अपडेट किया है उनके खाते में 5.5 हजार रुपए की राशि अगले दो दिनों में आ जाएगी। यह राशि उन श्रमिकों में वितरित की गई है जो 24 नवंबर 2021 तक दिल्ली बिल्डिंग एंड अन्य कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड के साथ रजिस्टर्ड हो चुके हैं। दिल्ली बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड के साथ रजिस्टर्ड 492 लाख श्रमिकों को 245 करोड़ रुपए की सहायता राशि प्रदान की थी। वही रिन्यूअल प्रक्रिया पूरी होने के बाद 83 हजारर श्रमिकों को 419 करोड़ रुपए की राशि पिछले महीने वितरित की गई। दिल्ली सरकार ने निर्माण श्रमिकों की सहायता के लिए कुल 350 करोड़ रुपए सहायता राशि वितरित किया है।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार निर्माण श्रमिकों के साथ हर कदम पर खड़ी है। निर्माण श्रमिक देश के रीढ़ की हड्डी हैं जो देश को मजबूत करते हैं।

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली में करीब 11 लाख निर्माण श्रमिक हैं जिनमें से नौ लाख श्रमिक बोर्ड के साथ पंजीकृत हैं। उन्होंने श्रमिकों से अपील करते हुए कहा कि जिन श्रमिकों को बैंक खातों में समस्या होने या खाते के अपडेट न होने के कारण सहायता राशि प्राप्त नहीं हुई है लेकिन वे इसके लिए हकदार हैं वे ई.डिस्ट्रिक्ट वेबसाइट पर निःशुल्क अपने बैंक खातों की डिटेल्स को संशोधित करवा सकते है। साथ ही जिनका रिन्यूअल लम्बित है वो भी अपनी पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करवाएं। सरकार द्वारा अगले भुगतान चक्र में उनके खातों में सहायता राशि भेज दी जाएगी।

उपमुख्यमंत्री ने श्रमिकों से अपील करते हुए कहा कि वे स्वयं को जल्द से जल्द दिल्ली बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड के साथ रजिस्टर्ड कराएं ताकि उन्हें सरकार द्वारा दी जाने वाली कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रेशन के बाद सभी निर्माण श्रमिक अपने कल्याण के लिए शुरू की गई विभिन्न योजनाओं जैसे शिक्षा स्वास्थ्य लाभ विवाह मातृत्व पेंशन आदि का लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं।

निर्माण श्रमिकों को पहले लॉकडाउन में 10 हजार और दूसरे में 5 हजार रुपए की मिली थी मदद

दिल्ली समेत पूरे देश में जब कोरोना ने कहर बरपाया तब लॉकडाउन के चलते निर्माण श्रमिकों के सामने आर्थिक संकट गहरा गया था। उस समय दिल्ली सरकार ने पहले लॉकडाउन के दौरान 118256 श्रमिकों को 1010 हजार रुपए की आर्थिक मदद प्रदान की। सरकार ने 118256 निर्माण श्रमिकों के खाते में 118 करोड़ रुपए ट्रांसफर किया जबकि दूसरे लॉकडाउन के दौरान 313452 श्रमिकों को 5.5 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी और कुल 155 करोड़ रुपए उनके खाते में ट्रांसफर किए गए।

पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को पढाने के लिए छात्रवृत्ति

दिल्ली भवन एवं निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में बढावा देने के प्रयास में जुटी है। पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों की शुरूआती शिक्षा से लेकर ग्रैजुएशन और प्रोफेशनल तक की शिक्षा देने के लिए आर्थिक मदद के तौर पर मासिक छात्रवृत्ति देती है। पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चेए जो कक्षा एक से आठवीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे हैं उनको आर्थिक मदद के रूप में 500 रुपए प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जाती है।

इसी तरह 9वीं और 10वीं के बच्चों को 700 रुपए प्रतिमाह 11वीं और 12वीं के बच्चों को एक हजार रुपए प्रतिमाह ग्रैजुएशन के बच्चों को तीन हजार रुपए प्रतिमाह एलएलबी के लिए तीन हजार रुपए प्रतिमाह आईटीआई के लिए चार हजार रुपए प्रतिमाह पॉलिटेक्निक डिप्लोमा के लिए पांच हजार रुपए प्रतिमाह इंजीनियरिंग या मेडिकल जैसी पढ़ाई के लिए 10 हजार रुपए प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जा रही है। वहीं पिछले साल केजरीवाल सरकार ने पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के 15791 बच्चों को पढ़ाने के लिए 12 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति प्रदान की।

श्रमिकों के बीमार होने पर मेडिकल सहायता

केजरीवाल सरकार ने श्रमिकों के स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों को दूर करने के लिए कई बड़े कदम उठाया है। पंजीकृत निर्माण श्रमिक अगर किसी हादसे या बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती होते हैं तो उनके इलाज के लिए दिल्ली सरकार पहले पांच दिन अस्पताल में भर्ती होने पर उनको दो.दो हजार रुपए की मेडिकल सहायता देती है। साथ ही पांच दिन के बाद 200 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से अधिकतम 10 हजार रुपए तक की आर्थिक मदद दी जाती है।

निर्माण श्रमिकों की आकस्मिक मृत्यु पर आर्थिक मदद

दिल्ली सरकार ने पंजीकृत निर्माण श्रमिको के साथ किसी भी तरह की अनहोनी होने पर दिल्ली सरकार उनके परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। कार्य श्रेत्र में किसी भी तरह की दुर्घटना होने के चलते अगर श्रमिक की आकस्मिक मौत होती है तो केजरीवाल सरकार उनके परिजन को दो लाख रुपए की आर्थिक मदद देती है। निर्माण श्रमिकों की साधारण मृत्यु होने पर आश्रित परिवार को एक लाख रुपए की आर्थिक मदद प्रदान की जाती है।

निर्माण श्रमिकों को मिलती है डिसेबिलिटी पेंशन

दिल्ली सरकार दिल्ली में पंजीकृत श्रमिकों के डिसेबल होने पर उनके परिवार को आर्थिक संकट से उबारने के लिए पेंशन देती है। सरकार पंजीकृत निर्माण श्रमिक को गंभीर बीमारियों टीबी पैरालेसिस लेप्रेसी या दुर्घाटना से डिसेबल होने पर तीन हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन देती है। केजरीवाल सरकार ने पंजीकृत श्रमिकों को डिसेबिलिटी पेंशन प्रदान कर नया जीवनदान देने का काम किया है।

निर्माण श्रमिकों के लिए वृद्धा पेंशन योजना

केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की बुढ़ापे में आने वाले आर्थिक की चिंता को भी दूर किया है। सरकार ने वृद्धा पेंशन योजना शुरू कर इन श्रमिकों को आर्थिक मजबूती प्रदान की है। सरकार पंजीकृत निर्माण श्रमिको की 60 साल उम्र होने पर तीन हजार रुपए मासिक पेंशन देती है। साथ ही प्रति वर्ष पेंशन में 300 रुपए की वृद्धि भी की जाती है।

श्रमिकों के बच्चों की शादी के लिए आर्थिक मदद

केजरीवाल सरकार पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों की शादी में भी आर्थिक मदद प्रदान करती है। दिल्ली सरकार निर्माण श्रमिकों को दो बच्चों की शादी के लिए वित्तीय सहायता देती है। पंजीकृत निर्माण श्रमिक के बेटे की शादी के लिए 35 हजार रुपए और बेटी की शादी के लिए 51 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जाती है।

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