अमृत काल के पहले बजट से वित्तीय कठिनाइयों में फंसी उत्तराखंड सरकार के लिए सुकून

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उत्तराखंड:  केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अमृत काल के पहले बजट से देवभूमि उत्तराखंड की उम्मीदों को पंख लगे हैं। बजट में रोजगार, खेती, पर्यटन और शहरीकरण के लिए नई योजनाओं और उनके लिए बजटीय व्यवस्था में राज्य को फायदा नजर आ रहा है।

जीएसटी की प्रतिपूर्ति बंद हो जाने के बाद वित्तीय कठिनाइयों में फंसी राज्य सरकार के लिए यह सुकून की बात है कि केंद्र सरकार ने अवस्थापना विकास के लिए विशेष सहायता योजना को न सिर्फ जारी रखा है बल्कि इसका बजट भी बढ़ा दिया है। पूंजीगत खर्च बढ़ने से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। योजना के तहत 50 वर्ष के लिए ब्याज मुक्त ऋण के तौर पर यह धनराशि मिलेगी।

सचिव वित्त दिलीप जावलकर को आशा है कि इससे आगामी वित्तीय वर्ष में राज्य को 1500 करोड़ से अधिक की धनराशि प्राप्त हो सकेगी। इस वर्ष इस योजना में राज्य सरकार को केंद्र से 1150 करोड़ रुपये मिले। केंद्र सरकार का प्राकृतिक खेती, मत्स्य पालन और मोटे अनाज पर विशेष फोकस है। माना जा रहा है कि इसका फायदा राज्य के किसानों को मिलेगा। वे खेती के लिए ऋण में छूट का लाभ सकेंगे।

बजट में पहली बार 4000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। नए शहरों को विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ रही राज्य सरकार इसका फायदा उठाने का प्रयास करेगी। शहरी अवस्थापना विकास निधि (यूआईडीएफ) से भी शहरों में सुधारीकरण के लिए वित्तीय व्यवस्था का नया रास्ता खुल गया है। इससे शहरों और कस्बों में भावी आवश्यकताओं और चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी।

बजट में जहां मेडिकल कॉलेज हैं, वहां नर्सिंग कॉलेज देने की घोषणा हुई है। इस लिहाज से राज्य सरकार को नए नर्सिंग कॉलेज खोलने में सुविधा हो जाएगी। केंद्र ने प्रधानमंत्री आवास योजना के बजट में 66 फीसदी बढ़ोतरी में राज्य का फायदा भी देख भी रही है। इसका पूरा लाभ उठाने के लिए राज्य सरकार प्रस्ताव तैयार करेगी।

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