आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी की प्रमुख उपलब्धियों पर विशेषज्ञ व्याख्यान आयोजित

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देहरादून: यूकॉस्ट, विज्ञान धाम में साप्ताहिक विज्ञान उत्सव के उपलक्ष्य में विज्ञान सर्वत्र पूज्यते विषय के तहत आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी की प्रमुख उपलब्धियों पर विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि डॉ प्रकाश चौहान निदेशक इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ रिमोट सेंसिंग थे। कार्यक्रम में डा. अलकनंदा अशोक, डीन पंतनगर विश्वविद्यालय और डॉ निखिल कांत, उप निदेशक, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् आदि उपस्थित रहे। इस अवसर पर छात्रों के लिए विज्ञान प्रदर्शनी और आत्मनिर्भर भारत का सन्देश देने के लिए एक मूवी भी प्रकाशित की गयी। डॉ डी पी उनियाल, संयुक्त निदेशक यूकॉस्ट ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन छात्रों के लिए अवसर हैं की वह वैज्ञानिकों को जाने और विज्ञान की उपलब्धियों से परिचित हों। डॉ डोभाल ने कहा की विद्यार्थियों को किताबें पढ़नी चाहिए और वैज्ञानिको की जीवनशैली का अध्ययन करना चाहिए। उन्होंने कहा विज्ञान एक ऐसा विषय जो पावर ऑफ़ नॉलेज से संचालित होता है अगर आप विज्ञान के विद्यार्थी हैं तो आपको लगातार पढ़ाई करते रहना है। डॉ निखिल कांत ने नयी शिक्षा नीति और उसके महत्व पर बात की तथा छात्रों को ऐआई सी टी ई की विभिन्न नीतियों और योजनाओं से अवगत कराया। डॉ अलकनंदा अशोक ने अपने उद्बोधन में प्रौद्योगिकी और हमारे जीवन में उसके विभिन्न उपयोग पर बात की। उन्होंने साइबर सुरक्षा, संचार प्रौद्योगिकी की प्रगति, हाइब्रिड वाहन, स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का उपयोग, रिमोट सेंसिंग, रोबोटिक्स और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस तथा इसके उपयोग से सबको अवगत कराया। कार्यशाला के अंत में क्विज कम्पटीशन और विज्ञान प्रदर्शनी का भ्रमण और कुछ वैज्ञानिक गतिविधियां भी आयोजित की गयी।

इस अवसर पर शिवालिक कॉलेज, ग्राफ़िक एरा, अल्पाइन इंस्टिट्यूट और बी ऍफ़ आई टी सहित कई शिक्षण संस्थाओं के लगभग 350 से अधिक विद्यार्थियों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड से प्रतिभाग किया। इस अवसर पर डॉ राजेंद्र डोभाल, महानिदेशक यूकॉस्ट, डॉ पी उनियाल संयुक्त निदेशक यूकॉस्ट, जी एस रौतेला एडवाइजर साइंस सिटी , डॉ आशुतोष मिश्रा, डॉ अपर्णा शर्मा, इंजीनियर जीतेन्द्र कुमार, अमित पोखरियाल, डॉ मनमोहन रावत और यूकॉस्ट का समस्त स्टाफ, बायोटेक कॉउन्सिल का स्टाफ और विभिन्न शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थी और शिक्षक मौजूद थे। यूकॉस्ट और एमपीकॉस्ट द्वारा 24 फरवरी को ऑनलाइन विज्ञान मंथन यात्रा का आयोजन मध्य प्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (एमपीकॉस्ट) भारत में विभिन्न विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थानों में चल रहे अनुसंधान और विकास गतिविधियों के लिए मेधावी स्कूली छात्रों में वैज्ञानिक चेतना को उजागर करने के लिए अपने मिशन उत्कृष्टता कार्यक्रम के तहत विज्ञान मंथन यात्रा का आयोजन करता है। इस विज्ञान मंथन यात्रा का उद्देश्य उत्कृष्टता, नवाचार, विज्ञान के बारे में जागरूकता, उद्यमिता और कौशल विकास को बढ़ावा देना है। मध्य प्रदेश के मेधावी छात्रों का समूह हर साल विज्ञान मंथन यात्रा के तहत उत्तराखंड आता है और अनुसंधान एवं विकास संस्थानों का भ्रमण करता है और वहां के वैज्ञानिकों से बातचीत करता है, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण समूह उत्तराखंड का दौरा नहीं कर सका। 24 फरवरी 2022 को उत्तराखंड विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद के अधिकारीयों एवं वैज्ञानिकों ने ऑनलाइन व्याख्यान के माध्यम से छात्रों के साथ बातचीत की। डॉ डी पी उनियाल ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम विअज्ञानिकों को जानो थीम के साथ शुरू किया गया था। उन्होंने विज्ञान लोकव्यापीकरण और परिषद के कार्यक्रमों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि छात्रों को विज्ञान की पत्रिका और साहित्य पढ़ने चाहिए और ऐसी शौक विकसित करने चाहिए जो उन्हें प्रकृति से जोड़ते हैं।

उन्होंने हिमालयन गैलरी, जैव विविधता, जलवायु परिवर्तन और कई अन्य वैज्ञानिक विषयों पर बात की। साइंस सिटी देहरादून के सलाहकार जी.एस. रौतेला ने विज्ञानऔर सम्बंधित भ्रांतियों के बारे में व्याख्यान दिया। डॉ आशुतोष मिश्रा, वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी, यूकोस्ट ने वन, जैवविविधता और उसके महत्व के बारे में बताया। डॉ अपर्णा शर्मा, वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी, यूकोस्ट ने डीएनए फिंगरप्रिंटिंग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई तकनीकों और शोधों के बारे में बात की। डा कैलाश भारद्वाज ने सूक्ष्मजीवों जैसे माइक्रोब्स, फंगस और उनके विभिन्न उपयोगों पर बात की। अमित पोखरियाल ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस आयोजन में उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के कर्मचारी, बायोटेक परिषद के कर्मचारी और 200 से अधिक छात्र ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड के माध्यम से उपस्थित थे।

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