मणिपुर में भारी भूस्खलन में आठ शव बरामद, 19 को बचाया गया और 45 लोग लापता
मणिपुर: मणिपुर के नोनी जिलांतर्गत टुपुल रेलवे लाइन निर्माण शिविर में भारी भूस्खलन के बाद आठ लोगों की मौत हो गई जबकि 19 लोगों को बचा लिया गया है लेकिन अभी भी 45 लोग लापता हैं। घायलों को आर्मी मेडिकल यूनिट में भर्ती कराया गया है। इनमें से गंभीर रूप से घायल लोगों को इंफाल के जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान भेजा गया है। भारतीय सेना और असम राइफल्स के जवानों का राहत एवं बचाव अभियान जारी है। हालांकि अभी तक मृतकों की शिनाख्त नहीं हो सकी है।
इस हादसे को लेकर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पीड़ितों के बचाव अभियान के लिए लगातार संपर्क में हैं। आज सुबह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री से टेलीफोन के जरिए स्थिति का जायजा लिया है और उन्हें सभी आवश्यक उपाय करने का निर्देश दिया। बीरेन सिंह ने बताया कि टुपुल रेलवे स्टेशन के पास भूस्खलन की घटना को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से भी बात की है।
मुख्यमंत्री ने स्थिति को देखते हुए आज सुबह आपात बैठक की। बैठक में टुपुल में भूस्खलन की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने संबंधित जिला मजिस्ट्रेट को सेना, अर्ध-सैनिक बलों, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की मदद से लापता लोगों को बचाने के लिए तलाशी अभियान तेज करने का निर्देश दिया। साथ ही बचाव अभियान में सहायता के लिए डॉक्टरों की एक बड़ी टीम के साथ एंबुलेंस भेजी गई है। मुख्यमंत्री ने सभी वर्गों के लोगों से भगवान से प्रार्थना करने की अपील की है ताकि लापता लोगों को सकुशल बचाया जा सके।
बीरेन सिंह ने बताया कि एनडीआरएफ की एक टीम बचाव अभियान में जुटी है। दो और टीमों को मौके पर रवाना किया गया है। इंफाल-जिरिबाम रेलवे लाइन की सुरक्षा के मद्देनजर टुपुल रेलवे स्टेशन के पास भारतीय सेना को तैनात किया गया था।
जिलाधिकारी हाउलियानलाल गुइते ने बताया कि भारतीय सेना की 107 टेरिटोरियल आर्मी कंपनी के शिविर के पास टुपुल रेलवे यार्ड निर्माण शिविर में आधी रात को भूस्खलन हुआ। तामेंगलोंग और नोनी जिलों से होकर बहने वाली ईजेई नदी के मार्ग में भूस्खलन से बाधा उत्पन्न हुई है जिसके चलते बांध जैसी स्थिति पैदा हो गयी है। ऐसे में जिलाधिकारी ने आम जनता खासकर बच्चों को नदी किनारे न जाने की सलाह भी दी है।
12वीं एनडीआरएफ बटालियन के सूत्रों ने बताया है कि अब तक आठ शव बरामद किए गए हैं। नोनी महकुमा अधिकारी सालोमोन एल फेमेट ने बताया कि कई लोग घायल हैं। करीब 45 लोग अभी भी लापता हैं जबकि 19 लोगों को बचा लिया गया है। सभी आर्मी मेडिकल यूनिट में इलाजरत हैं। उन्होंने बताया कि हताहतों और लापता लोगों में से अधिकांश लोग अधिकारी, मजदूर और रेलवे लाइनों के निर्माण में लगे सेना के जवान हैं।
पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ ने कहा कि खराब मौसम के चलते भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान को भारी रूप से प्रभावित कर रहा है। लगातार बारिश से हुए भूस्खलन के चलते इंफाल-जिरीबाम नई लाइन परियोजना के टुपुल स्टेशन की इमारत को भी नुकसान पहुंचा है। भूस्खलन से नवनिर्मित पटरियां और निर्माण श्रमिकों के शिविर तबाह हो गए। बचाव अभियान जारी है।
सेना के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि जनता को इस समय इंफाल-जिरीबाम राष्ट्रीय राजमार्ग 37 पर न जाने की सलाह दी गई है।