उत्तराखंड हेल्थ-केयर में ड्रोन डिलीवरी करने वाला भारत का पहला राज्य बना
देहरादून: रेडक्लिफ लैब्स, अमेरिका में रेडक्लिफ लाइफटेक की यूनिट ने भारतीय डायग्नोस्टिक इंडस्ट्री में पहली कमर्शियल ड्रोन उड़ान का नेतृत्व करने के बाद, 19 मई को उत्तरकाशी से देहरादून के लिए सुदूर पहाड़ियों में अपना पहला कमर्शियल ड्रोन कॉरिडोर खोला। हाल ही में समाप्त हुई ये परियोजना रेडक्लिफ और स्काई एयर की सहभागिता का एक हिस्सा थी। पिछले 3 महीनों में उन्होंने उत्तर भारत में संयुक्त तौर पर 40 सफल परीक्षण किए हैं।
उत्तरकाशी के निवासियों को और राहत देते हुए, रेडक्लिफ लैब्स 10 जून से नियमित और विशेष टेस्ट सैम्पल संग्रह दोनों के लिए प्रतिदिन दो उड़ानें संचालित करेगी, ताकि सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली क्लीनिक सेवाएं शुरू करने का प्रयास किया जा सके। इसके साथ रेडक्लिफ लैब्स 120 से अधिक शहरों में कलेक्शन सेंटर्स के अपने व्यापक और लगातार बढ़ते नेटवर्क को भी जोड़ेगी, जिससे देश के दूर-दराज के क्षेत्रों में क्लीनिक केयर सुलभ हो जाएगी। पहाड़ी इलाकों में अपनी सेवाओं को ले जाने के इस नए घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए रेडक्लिफ लैब्स के संस्थापक, धीरज जैन ने कहा कि “उत्तरकाशी की सुदूर पहाड़ियों में पहला कमर्शियल ड्रोन कॉरिडोर खोलने का हमारा एजेंडा पूरी तरह से “फ्लाइंग विद पर्पज यानि उद्देश्य के साथ उड़ान“ की अवधारणा पर आधारित है।
उत्तरकाशी उत्तराखंड के सबसे दूरस्थ लेकिन बहुत ही महत्वपूर्ण शहरों में से एक है। इसके अलावा, यह डीएक्स सैम्पल एकत्र करने के लिए सबसे कठिन टी5 टाउन कनेक्टिविटी में से एक है। रेडक्लिफ लैब्स ने स्थानीय क्लीनिकों से नमूने एकत्र किए, जिन्होंने अब तक डीएक्स नमूने एकत्र करने के लिए संघर्ष किया है। नतीजतन, रिपोर्ट प्राप्त करने में सप्ताह भर का समय लगता है। नया कमर्शियल कॉरिडोर खुलने के साथ ही टर्नअराउंड टाइम (टीएटी) को घटाकर 24 घंटे कर दिया गया है।” यह रेडक्लिफ लैब्स को भारतीय उपमहाद्वीप में लोगों को सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली क्लीनिकल सेवाएं प्रदान करने की अपनी यात्रा में आगे बढ़ने में मदद करेगा। इस तरह की पहल के साथ आगे बढ़ते हुए हम देश के दूर-दराज के कोनों, पहाड़ी क्षेत्रों और अन्य कठिन इलाकों को अपनी सभी प्रयोगशालाओं से जोड़ने और भारत में डायग्नोस्टिक्स के परिदृश्य को बदलने में सक्षम होंगे।
उन्होंने कहा कि “हमारी टीम उत्तरकाशी के लोगों को हमारी लैब सेवाओं से जोड़ने के लिए रोमांचित है, विशेष रूप से उत्तरकाशी खराब सड़क संपर्क के साथ एक कठिन भूगोलिक क्षेत्र है, लोगों की गुणवत्तापूर्ण डायग्नोस्टिक सेवाओं तक सीमित पहुंच है। अब आसान और गुणवत्तापूर्ण पहुंच के साथ लोगों को अपनी क्लीनिकल जरूरतों को पूरा करने के लिए बड़े शहरों की यात्रा नहीं करनी पड़ेगी।
सड़क मार्ग से उत्तरकाशी से देहरादून 144 किमी, सड़क मार्ग से 6-8 घंटे और भूस्खलन के दौरान 12 घंटे है। लेकिन ड्रोन तकनीक से इस दूरी को बीच में एक बैटरी स्वैप के साथ 88 मिनट में पूरा किया गया। रेडक्लिफ लैब ने तापमान नियंत्रित बक्सों में 5 किलो पेलोड को ज्ञानसू, उत्तरकाशी से विवेक विहार, देहरादून तक पहुंचाया, जो कि 60 किलोमीटर की हवाई दूरी है। यह भी उल्लेखनीय है कि डायग्नोस्टिक सेवा प्रदाता का लक्ष्य 2027 तक 500 मिलियन से अधिक भारतीयों तक पहुंचना है। धीरज जैन ने कहा कि “रेडक्लिफ लैब्स अगले 12 महीनों में आगामी पहलों की एक श्रृंखला के माध्यम से देश में अपने परिचालन का विस्तार करने की योजना बना रही है। डीएक्स टेस्ट सैम्पल को एकत्र करने के लिए ड्रोन तकनीक का लाभ उठाकर ऐसी ही एक पहल है।