अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कुंभ में कोरोना टेस्टिंग फर्जीवाड़े की चर्चा
Read Time:4 Minute, 9 Second
-न्यूयॉर्क टाइम्स ने छापी खबर देहरादून: हरिद्वार कुंभ 2021 में हुए कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़े मामले की गूंज अब देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी सुनाई दे रही है। न्यूयॉर्क टाइम्स वर्ल्ड ने ट्वीट कर इस मामले को उठाया है। ऐसे में अब हरिद्वार ही नहीं बल्कि, उत्तराखंड और देश की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खराब हो रही है। बावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारी अभी भी इस मामले को लेकर कुछ भी साफ-साफ बोलने से कतरा रहे हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने कॉलम में इस खबर को विस्तार पूर्वक जगह देते हुए कहा कि ‘एक सरकारी रिपोर्ट में पाया गया कि भारत में एक हिंदू त्योहार में तीर्थयात्रियों के कोरोना टेस्ट के लिए जिम्मेदार निजी एजेंसियों ने कम से कम 1 लाख फर्जी परिणाम दिए। माना जाता है कि कुंभ मेला, व्यापक रूप से देश भर में मामलों में वृद्धि का कारण बना है। इसके अतिरिक्त चीन, जापान, यूएई समेत कई अन्य देशों की वेबसाइटों पर इन दिनों यह खबर चर्चा का विषय बनी हुई है। हरिद्वार कुंभ में हुए कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़े मामले पर अब राज्य सरकार ने सख्त रुख अपनाना शुरू कर दिया है। इसको लेकर हरिद्वार कोतवाली में सीएमओ द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर मैक्स कॉरपोरेट के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। इस मामले में कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत भी सवालों के घेरे में हैं। यही नहीं, वर्तमान समय में इस फर्जीवाड़े को लेकर कोई ठोस कदम उठाने के बजाय राजनीति की जा रही है। हरिद्वार कुंभ में हुए टेस्ट के घपले का खुलासा पंजाब के रहने वाले एक एलआईसी एजेंट के माध्यम से हुआ है। पंजाब के फरीदकोट के रहने वाले एक शख्स विपिन मित्तल ने हरिद्वार कुंभ में कोविड जांच घोटाले की पोल खोली। विपिन मित्तल के मुताबिक उन्हें उत्तराखंड की एक लैब से फोन आया था जिसमें उन्हें बताया गया कि ‘आप की रिपोर्ट निगेटिव आई है’। जिसे सुनते ही वे भौचक्के रह गए। विपिन ने कोई कोरोना जांच नहीं कराई थी। ऐसे में विपिन ने फौरन स्थानीय अधिकारियों को मामले की जानकारी दी। स्थानीय अधिकारियों के ढुलमुल रवैए को देखते हुए पीड़ित शख्स ने तुरंत भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद से शिकायत की। आ ईसीएमआर ने घटना को गंभीरता से लेते हुए उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग से जवाब मांगा। वहीं यह पूरा मामला यहीं नहीं थमा। इसके बाद उत्तराखंड सरकार से होते हुए ये शिकायत स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी के पास पहुंची। ज ब उन्होंने पूरे मामले की जांच करायी तो बेहद चैंकाने वाले खुलासे हुए। स्वास्थ्य विभाग ने पंजाब फोन करने वाले शख्स से जुड़ी लैब की जांच की तो परत-दर-परत पोल खुलती गई। अब तक की जांच में एक लाख कोरोना रिपोर्ट फर्जी पाई गई हैं।