केंद्र से नहीं मिली आपदा राहत; CM बोले, जो राशि आई, वह सिर्फ एक एडवांस है, 2000 करोड़ दे केंद्र
सोलन: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोलन में कहा कि हिमाचल में हुई त्रासदी से निपटने के लिए केंद्र सरकार से हमें कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली है। केंद्र ने 180 करोड़ की वे आरंभिक राशि देने की घोषणा की है, जो कि दिसंबर में हमें आपदा प्रबंधन में मिलती थी। यह 180 करोड़ रुपए दिसंबर में मिलने वाली किश्त को एडवांस में दे दिया गया है और यह राशि 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के तौर पर केंद्र से मिलती ही है। मुख्यमंत्री ने हालांकि यह अवश्य कहा कि केंद्र की एक टीम शीघ्र ही प्रदेश में हुए नुकसान का आकलन करने के लिए यहां आ रही है। मुख्यमंत्री ने शामती में पीडि़त परिवारों से मिलते हुए कहा कि जिनका आंशिक नुकसान हुआ है उन्हें फौरी राहत के तौर पर एक लाख व पूरी तरह विस्थापित परिवारों को एक लाख 45 हजार की राशि तुरंत दी जा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से हमने 2000 करोड़ रुपए की फौरी राहत मांगी है तथा शामती के प्रभावित परिवारों को यह राहत राशि देने के उपरांत शीघ्र ही राजस्व अधिकारी पूरे नुकसान का ब्यौरा इकट्ठा करके नियमानुसार उन्हें रिलीफ प्रदान करेंगे।
उन्होंने प्रदेश की जनता से अपील की कि आपदा की घड़ी में सभी प्रदेश का साथ दें। जहां-जहां ट्रांसफार्मर उड़े वहां प्रबंध कर बिजली पहुंचा दी, पानी पहुंचा दिया और मोबाइल कनेक्शन की कनेक्टिविटी पहुंचा दी। आज शामती में हुए नुकसान का जायजा लेने पहुंचा हूं और यहां पर भी राहत कार्य व अन्य प्रबंधों में तेजी लाई जाएगी। सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार जो नीतियां बना रही हैं, उससे आने वाले चार वर्षों में प्रदेश आत्मनिर्भर बनेगा। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश सरकार की कत्र्तव्यनिष्ठा है, जिससे 60 घंटों के भीतर ही प्रदेश में फंसे 70 हजार पर्यटकों को सकुशल निकाला गया है। 15 हजार गाडिय़ां कुल्लू जिला से निकाली और माइनस 4 डिग्री तापमान में 290 पर्यटक चंद्रताल से निकाले हैं। गुरुवार को शिमला में आयोजित कैबिनेट बैठक में इस त्रासदी से सेब बागबानों को हुए नुकसान के लिए 50 करोड़ रुपए जारी किए हैं। उन्होंने त्रासदी के बाद हुए नुकसान को दुरुस्त करने के लिए काफी समय लगेगा, तब तक प्रदेश की जनता सरकार के साथ खड़ी रहे। इसके उपरांत मुख्यमंत्री ने शिमला-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर धर्मपुर का भी दौरा किया, जहां राष्ट्रीय राजमार्ग का बड़ा हिस्सा भू-स्खलन में ढह गया है। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग से मलबे को शीघ्र हटाने के निर्देश दिए और अधिकारियों को सडक़ के पुनर्निर्माण के लिए कहा ताकि यात्रियों को जल्द से जल्द राहत मिल सके।
एचडीएम