देहरादून अभी राजधानी का बोझ झलने लायक नहीं है: पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत

0 0
Read Time:1 Minute, 57 Second

देहरादून: अपने कार्यकाल में गैरसैंण को ग्रीष्ककालीन राजधानी घोषित करने वाले पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि देहरादून अभी राजधानी के बोझ सहने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि गैरसैंण पहाड़ का प्रतीक भी है और पीड़ा भी है। कहा कि गैरसैंण में साल में तीन, चार बार बैठक आयोजित होनी चाहिए ताकि अधिकारी वहां जाएं और नीतियां बनाए।

उन्होंने यह भी कहा कि मुझे मौका मिला तो मैने प्रयास भी किया। इसलिए गैरसैंण की आवाज उठती रहनी चाहिए। बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री पर्यटन स्थल खिर्सू से पौड़ी पहुंचे। यहां उन्होंने कंडोलिया थीम पार्क का निरीक्षण किया। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने फूल मालाओं से स्वागत भी किया।

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बदरीनाथ के दर्शन के बाद चमोली के सीमावर्ती क्षेत्रों में पहुंचे। सेना, पैरामिलिस्ट्री व बॉर्डर स्काउट की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि बड़ी मुस्तैदी से हमारे जवान बॉर्डर पर सेवाएं दे रहे हैं। यहां तक कि दूरस्थ सीमा क्षेत्रों में महिला चिकित्सकों की तैनाती पर उन्हें गर्व है। कहा कि चीन के सैनिकों के भारतीय सीमा में आने की सूचनाएं भी आती रहती थी। इस बार सीमा क्षेत्र को करीब से देखने का मौका मिला।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %