कांग्रेस ने शिमला नगर निगम चुनाव को लेकर बनाई रणनीति
शिमला: कांग्रेस पार्टी नगर निगम शिमला के चुनाव फतह करने की रणनीति बनाने में जुट गई है। बुधवार को चड़ीगढ़ में आयोजित कांग्रेस पार्टी की एक बैठक में नगर निगम चुनाव को लेकर मंथन हुआ।
अखिल भारतीय कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य व प्रदेश मामलों के प्रभारी राजीव शुक्ला ने प्रदेश कांग्रेस नेताओं से निगम चुनाव में एकजुटता के साथ उतरने को कहा है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में चार उप चुनावों से कांग्रेस की जीत का जो सिलसिला शुरू हुआ है वह अब टूटना नही चाहिए। शुक्ला ने कहा की शिमला नगर निगम चुनाव कांग्रेस के लिये बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस साल के अंत मे प्रदेश विधानसभा चुनाव भी होने है,इसके बाद इन चुनावों की तैयारियों में भी सभी नेताओं को जुटना है और पार्टी की जीत सुनिश्चित करनी है।
शुक्ला ने कहा कि शिमला नगर निगम चुनावों में पार्टी के उन ऊर्जावान, कर्मठ पार्टी नेताओं को उतारा जाना चाहिए जो लोगों के बीच अपनी मजबूत पकड़ रखते हो। उन्होंने कहा कि जिस भी पार्टी नेता व पदाधिकारी को इन चुनावों में कोई जिम्मेदारी मिलती है, उसे उन्हें पूरी निष्ठा से निभाना होगा।उन्होंने कहा कि प्रत्याशी का चयन उसकी पूरी योग्यता और बगैर किसी भेदभाव के किया जाना चाहिए। उन्होंने साफ किया कि चयन प्रक्रिया में कोई भी भाई भतीजावाद न हो, तो इसका विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि यह चुनाव परिणाम प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों की राजनीति की दिशा व दशा तय करेंगे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठोैर ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश कांग्रेस नगर निगम चुनावों के लिए पूरी तरह तैयार है। प्रदेश में संगठन पूरी मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस पार्टी का सदस्यता अभियान भी प्रगति पर है। लोगों में पार्टी का सदस्य बनने में भारी उत्साह देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस भी ब्लॉक व जिले में सदस्यता फॉर्म मांगे जा रहें है उन्हें उनकी मांग के अनुसार दिए जा रहें है। उन्होंने दावा किया की प्रदेश में सदस्यता अभियान तय सीमा 31 मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा।
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में चार उप चुनावों में पार्टी को मिली शानदार जीत के बाद शिमला नगर निगम चुनाव हल्के से नही लेने होंगे। कि पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह है पर अति उत्साहित होने की जरूरत नही है। उन्होंने कहा कि नगर निगम चुनावों के बाद प्रदेश विधानसभा चुनावों में भी पार्टी कार्यकर्ताओं में यही उत्साह बरकरार रखने के लिये संगठित और एकजुट होकर चलना होगा।